साहिबगंज
तालबन्ना स्थित पुराने गुरुद्वारा में पटना साहिब से असम जाने के क्रम में सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर रुके थे. सरदार आनंद गोपाल सिंह ने बताया कि इस वजह से सिखों के लिए यह जगह अत्यंत ही पवित्र है. वर्तमान में गुरुद्वारे में तीन कमरे हैं, एक में मंदिर व दो भवन व कुएं जर्जर हो चुके हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिख धर्मावलंबी यहां पूजा करने आते हैं. गुरुतेग बहादुर का यहां आज भी निशान मौजूद है. यहां गुरु नानक देव के पुत्र श्रीबंद ने भी पूजा की थी. गुरु तेग बहादुर ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान दिया था. गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे. गुरु गोविंद सिंह उन्हीं के पुत्र थे, जन्म 21 अप्रैल 1621 में हुआ था. औरंगजेब के आदेश पर उसके सैनिकों ने दिल्ली के चांदनी चौक पर 11 नवंबर 1675 को उनका सिर काट दिया था, उनकी याद में शहीदी स्थल घर शीशगंज साहिब नामक गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था.
साहिबगंज
शहर में सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती बुधवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनायी जाएगी. इस उपलक्ष्य में शहर के न्यू रोड स्थित गुरुद्वारा में तीन दिवसीय अरदास और कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसका समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन बुधवार को होगा. मंगलवार को आयोजित अरदास में पटना साहिब से आयी तीन सदस्यीय टीम गिरिजा सिंह, इंद्रजीत सिंह और संजीत सिंह ने गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष पाठ और अरदास की. गुरुद्वारे को इस अवसर पर बिजली की झालरों और फूलों से सजाया गया, जिससे पूरा परिसर रोशनी और भक्ति के वातावरण से आलोकित हो उठा.
तालबन्ना गुरुद्वारे में निशान साहिब की सेवा से होगा शुभारंभ
समारोह की शुरुआत बुधवार की सुबह आठ बजे तालबन्ना स्थित पुराने गुरुद्वारे में निशान साहिब की सेवा के साथ होगी. इस अवसर पर पुराने निशान को बदलकर नया निशान साहिब लगाया जाएगा. इसके बाद न्यू रोड स्थित गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब के पाठ का समापन किया जाएगा.
रविन्द्र सिंह की जत्था करेगी कीर्तन-अरदास, लंगर का होगा आयोजनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

