साहिबगंज. सदर अस्पताल में मंगलवार को राज्य की पहली क्वांटिटेटिव पीसीआर (क्यूपीसीआर) लैब शुरू होगी. इसका उद्घाटन स्वास्थ्य विभाग के एमडी शशिभूषण झा ऑनलाइन करेंगे, जबकि डीसी हेमंत सती, स्टेट मलेरिया पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार, सीएस डॉ रामदेव पासवान और अन्य अधिकारी अस्पताल में मौजूद रहेंगे. लैब पूर्व में कोविड-19 जांच के लिए बनी वायरोलॉजी लैब को मोडिफाइ कर बनाया गया है, जिसे रियल टाइम पीसीआर लैब भी कहा जाता है. क्यूपीसीआर लैब में कालाजार, टीबी, कुष्ठ रोग में डीएनए जांच संभव होगी. जिलास्तर पर यह राज्य की पहली लैब है, जबकि देशभर में भी रिसर्च संस्थानों के अलावा ऐसी सुविधाएं दुर्लभ हैं. कोविड काल में सांसद विजय हांसदा के सांसद निधि से बनी लैब, महामारी के बाद तीन साल से बंद पड़ी थी. वर्तमान में साहिबगंज में 14 और पाकुड़ से 27 कालाजार के सैंपल मौजूद हैं. पहले बोन मैरो जांच से कालाजार की पहचान होती थी, जिसमें त्रुटियों की संभावना रहती थी, जबकि क्यूपीसीआर लैब में रिपोर्ट जल्दी और 100% सटीक मिलती है. वेक्टर बॉर्न रोग वे होते हैं, जो मच्छर, टिक, मक्खी, पिस्सू जैसे वाहकों से फैलते हैं. रियल टाइम पीसीआर तकनीक डीएनए और आरएनए की सटीक मात्रा निर्धारित करने की सबसे उन्नत विधि है, जिसका उपयोग चिकित्सा निदान, बायोटेक शोध और फार्मास्यूटिकल लैब में व्यापक रूप से होता है. लैब संचालन के लिए पटना स्थित राजेंद्र मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षित टीम में वेक्टर बॉर्न डिजीज विशेषज्ञ डॉ सत्ती बाबू डाबड़ा, माइक्रोबायोलॉजिस्ट महजर आविद और लैब तकनीशियन केशव कुमार शामिल हैं.
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