बरहेट. जिले के 100 सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी अब निजी विद्यालयों की तरह आधुनिक तरीके से शिक्षा मिल रही है. इसे लेकर जिले के बरहरवा के 18, बरहेट के 6, पतना के 2, बोरियो के 7, राजमहल के 22, साहिबगंज के 16, उधवा के 19, मंडरो के 2 एवं तालझारी के 7 विद्यालयों में गणित और विज्ञान की प्रयोगशाला (लैब) का निर्माण कराया गया है. स्कूलों में साइंस लैब स्थापित करने के बाद से बच्चों को प्रैक्टिकल भी कराया जाने लगा है. इससे विद्यार्थी विज्ञान की जटिलताओं को आसानी से समझ पा रहे हैं. जानकारी हो कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, अब सभी हाई स्कूलों में गणित और विज्ञान की प्रयोगशालाओं का होना अनिवार्य है. इसीलिये, झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद (जेइपीसी) की ओर से इसकी पहल की गयी है. ज्ञानोदय योजना के तहत विज्ञान की प्रयोगशाला का निर्माण कराया गया है. इसके लिए सभी जिलों के डीइओ, डीएसइ और समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय को निर्देशित किया गया है. अब जिले के हाइस्कूल और प्लस टू विद्यालयों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को विज्ञान सीखने में मदद मिलेगी. याद हो कि इससे पहले स्कूलों में साइंस की पढ़ाई के साथ-साथ लैब की व्यवस्था नहीं थी. अक्सर विज्ञान की शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित रह जाते हैं. वहीं, कुछ शिक्षक जो प्रयोग करके दिखाना चाहते हैं उन्हें भी अपने निजी खर्च कर सामान जुटाना पड़ता है. स्कूलों में साइंस लैब स्थापित होने से बच्चों में पढ़ाई के साथ-साथ समझ और रूचि बढ़ेगी और यह भविष्य के लिये बहुत अच्छा कदम है. इन लैब्स से आठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के विद्यार्थी किताबी ज्ञान को वास्तविक प्रयोग से जोड़कर गहराई से कांसेप्ट समझ पा रहे हैं. थ्योरी संग प्रैक्टिकल कर जल्दी सीखते हैं विद्यार्थी प्लस टू हाई स्कूल बरहेट के प्रधानाध्यापक मोहम्मद इस्माइल ने बताया कि पुराने ढर्रे पर बच्चों को पढ़ाना अब संभव नहीं रहा. आज के समय में स्कूलों में लैब का होना बहुत जरूरी है. बच्चों को जब प्रैक्टिकल कराया जाता है, तब थ्योरी भी उन्हें ज्यादा समझ आती है. इस लैब के सहारे सोलर सिस्टम के प्लैनेट्स व अन्य फिजिक्स के कांसेप्ट तथा गणित के प्रैक्टिकल के बारे में बच्चों को बताया जा रहा है. इससे बच्चे विज्ञान में काफी रूचि भी ले रहे हैं. क्या कहते हैं अधिकारी जिले के 100 सरकारी विद्यालयों में साइंस लैब स्थापित किये गये हैं. इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल करने का अवसर प्राप्त होगा. जिससे विद्यार्थी विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. वर्तमान समय में विज्ञान की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे लैब्स की मॉनिटरिंग जिले से की जा रही है. डॉ दुर्गानंद झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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