साहिबगंज
क्यों जरूरी है तीसरी-चौथी लाइन :
फिलहाल मालदा से किऊल तक केवल दो लाइनें हैं. ट्रैक की कमी से राजधानी अगरतला, विक्रमशिला, तिनसुकिया एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों की रफ्तार 100–110 किमी/घंटा से अधिक नहीं हो पाती. बरहरवा से भागलपुर तक का सफर फिलहाल 2 से 3 घंटे लेता है. नयी लाइन बिछने के बाद ट्रेनों की स्पीड में वृद्धि होगी और लेटलतीफी की समस्या काफी हद तक दूर होगी.इस परियोजना के तहत 129.2 किलोमीटर रेल ट्रैक डाला जाएगा. हावड़ा जोन के जीएम ने निरीक्षण कर रिपोर्ट दी थी और साहिबगंज में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना के शीघ्र क्रियान्वयन की बात कही थी.
क्या कहते हैं अभियंता :
तीसरी और चौथी लाइन बिछाने पर सहमति बन चुकी है. इसकी विस्तृत जानकारी भागलपुर कंस्ट्रक्शन विभाग द्वारा दी जाएगी. कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इस ऐतिहासिक परियोजना पर काम की शुरुआत हो जाएगी, जिससे गंगा पार के रेल यात्रियों को तेज और निर्बाध सफर का लाभ मिलेगा.
– वेदव्यास शरण, सहायक अभियंता, साहिबगंज
परियोजना एक नज़र में :
रूट : बरहरवा – भागलपुरलंबाई : 129.2 किलोमीटर
लागत : 3885.42 करोड़ रुपये
समय सीमा : 4 साल
मौजूदा ट्रैक : 2 लाइनें
नई लाइनें : तीसरी और चौथी
लाभ : ट्रेन की रफ्तार बढ़ेगी, लेटलतीफी कम होगी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

