बरहरवा. नगर पंचायत क्षेत्र के प्लस टू उच्च विद्यालय बरहरवा के अधीन स्वामी विवेकानंद क्रीड़ांगन के दक्षिण-पूर्व में स्थित आदिवासी कल्याण छात्रावास में रविवार को प्रभात खबर की ओर से प्रभात संवाद का आयोजन किया गया. जिसमे छात्रों ने छात्रावास की स्थिति व समस्याओं को प्रमुखता से सामने रखी और प्रशासन से उनके निदान की मांग की. छात्रावास के छात्रनायक लाल सोरेन सहित अन्य ने बताया कि उक्त आदिवासी छात्रावास में प्लस टू उच्च विद्यालय बरहरवा के वर्ग नवमी, दशमी, एवं ग्यारहवीं में पढ़ने वाले लगभग 30 आदिवासी छात्र रहते हैं. लेकिन छात्रावास में हमें डर-डर कर रहना पड़ता है. वे सभी छात्र मूल भूत सुविधाओं से वंचित है छात्रावास का भवन जर्जर हो चुका है, जिस कारण उन छात्रों को हमेशा डर के साये में रहना पड़ता है. इसके अलावा छात्रावास आने जाने के लिए बना सड़क जर्जर हो चुका है. जिस कारण उन लोगों को बरसात में काफी परेशानी होती है. मुख्य गेट के पास हमेशा जल जमाव व कीचड़ रहता है. छात्रावास में कुल दस कमरे है. जिसमें कमरा नंबर एक, दस और किचन की दीवारों में दरार आ गयी है. छत में सीलन लग गया है. एक बार तो छत का प्लास्टर गिरने से दो छात्र बाल-बाल बच गये थे. वहीं बरसात में छत से पानी का रिसाव भी होता है. कई कमरों की खिड़कियां टूटी हुई है, जिस कारण बरसात का पानी कमरों में घुसकर फर्श पर फैल जाता है. छात्रावास के इर्द-गिर्द झाड़ियां उग आयी है. जिसमें विषैले सांप रहते हैं. कई बार तो यह सांप हमारे कमरों में भी घुस जाते हैं. छात्रावास में पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है. परिसर में स्थित एक चापाकल पिछले दो-तीन सालों से खराब पड़ा हुआ है. वही कुएं के पानी से बदबू आती है. एक सोलर संचालित पानी का टंकी है, लेकिन उसका भी पानी पीने लायक नहीं है. हमारे छात्रावास में भोजन बनाने के लिए रसोईया की व्यवस्था भी नहीं है. जिस कारण हम लोगों को ही बारी-बारी से खाना बनाना पड़ता है. साथ ही खाने के सामानों दाल चावल आदि में हम लोगों की स्वयं खरीदना पड़ता है. छात्रावास परिसर में लाइट का उचित प्रबंध नहीं है. एक बड़ा हाई मास्ट लाइट लगी है लेकिन उसकी अधिकांश लाइट्स खराब है. जिस कारण हम लोगों को पूरी तरह से बिजली की लाइट पर निर्भर रहना पड़ता है. छात्रावास के कई कमरों में पर्याप्त बल्ब भी नहीं है. कमरा संख्या एक, तीन, छह और सात के पंखे भी खराब हैं. वहीं बिजली जाने पर रात्रि में पूरा छात्रावास अंधेरे में डूब जाता है. बोले छात्र……….. छात्रावास का भवन जर्जर हो चुका है और छत में सीलन लग गया है.जिस कारण छत का प्लास्टर झड़कर गिर रहा है. कई जगह दीवारों में भी दरार आ गया है. जिससे बच्चे भय के माहौल में पढ़ रहे है. प्रशाशन को छात्रावास का नया भवन बनाना चाहिए. फोटो 02 लाल सोरेन, छात्र नायक छात्रावास आने वाला पक्का रास्ता पुराना होने के कारण जर्जर हो चुका है. मुख्य गेट पर हमेशा पानी और कीचड़ जमा रहता है और घास भी उग आये है. जिस कारण आने-जाने में कठिनाई होती है. प्रशासन को नया पक्की सड़क बनाना चाहिए. फोटो 03 डेविड मुर्मू,छात्र हमारे छात्रावास में कोई भी रसोइया नहीं है. जिस कारण हम लोगों को बारी-बारी से स्वयं ही खाना बनाना पड़ता है. इससे हमारा पढ़ाई- लिखाई प्रभावित हो रहा है. जल्दी हमारे छात्रावास में रसोईया की बहाली किया जाये. – फोटो 04 रफील मुर्मू,छात्र हमारे छात्रावास में पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है. चापाकल दो-तीन साल से खराब है और कुआं के पानी से दुर्गंध आता है. एक सोलर संचालित पानी टंकी लगाया गया है लेकिन उसका पानी भी पीने लायक नहीं है. इसलिए छात्रावास में पीने के पानी की व्यवस्था की जाय. फोटो 05 बासु किस्कू,छात्र छात्रावास में करीब 30 छात्र रहते हैं. इसके बावजूद छात्रावास में केवल एक ही टॉयलेट है. छात्रों को सुबह टॉयलेट जाने के लिए नंबर लगाना पड़ता है. जिस कारण हम लोगों को बहुत अधिक दिक्कत होता है. छात्रावास में तीन चार टॉयलेट बनाया जाये. फोटो 06 सुभाष टुडू, छात्र हमारे छात्रावास के आसपास झाड़ियां उग आयी हैं. जिसमें विषैले सांप रहते हैं. कई बार तो यह सांप हमारे कमरों में घुस जाते हैं. जिस कारण हम लोगों का जीवन असुरक्षित रहता है. छात्रावास के आसपास नियमित रूप से साफ-सफाई होनी चाहिए. फोटो 07 मसीह किस्कू,छात्र छात्रावास में लाइट का उचित प्रबंध नहीं है. एक हाई मास्ट लाइट लगी है. तो इसकी अधिकांश लाइट्स खराब है. कई कमरों में भी पर्याप्त बल्ब नहीं है. रात को बिजली चले जाने के बाद हम सभी को अंधेरे में रहना पड़ता है. फोटो 08 बड़का टुडू,छात्र हमारे छात्रावास के पास स्थित स्वामी विवेकानंद क्रीड़ांगन मैं हम सभी फुटबॉल,हॉकी आदि खेला करते हैं. लेकिन बरसात के दिनों में पुरा मैदान घास – फूस और कीचड़ से भरा रहता है.जिससे हमें खेलने में दिक्कत होती है.प्रशाशन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए. फोटो 09 मंडल अमित हांसदा,छात्र हमारे छात्रावास के कई कमरों में खिड़कियां टूटी हुई है. बारिश होने पर पानी हमारे कमरों में घुसकर फर्श में फैल जाता है. छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े भी खिड़कियों से कमरों में प्रवेश कर जाते है. आंधी-तूफान आने पर भी हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. फोटो 10 सोमाय हेंब्रम, छात्र छात्रावास के कई कमरों में लगे पंखे खराब हो चुके हैं.वही कई पंखे बहुत धीमे चलते है. जिस कारण गर्मी के दिनों में हम सभी को पढ़ाई करने में बहुत दिक्कत होती है. प्रशासन को हमारे कमरों के पंखे ठीक करवाने चाहिए. फोटो 11 गैबरियल हेंब्रम, छात्र
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