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ओके : सूर्या मौत की सीबीआइ जांच व नगड़ी में किसानों की जमीन हो वापस : अनंत

सदर प्रखंड कार्यालय के सामने पूर्व विधायक अनंत ओझा के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। उन्होंने सूर्या हांसदा की मौत की सीबीआई जांच और नगड़ी के रैयतों की जमीन रिम्स-2 के नाम पर वापस दिलाने की मांग उठाई। ज्ञापन में राज्य में बढ़ती विधि व्यवस्था की खराब स्थिति, माफिया और अपराधियों का सरकारी तंत्र पर कब्जा, और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हिंसा का आरोप लगाया गया। सूर्या हांसदा की मौत को एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या करार दिया गया, जहां पुलिस ने उन्हें बिना वारंट उठाकर टॉर्चर कर गोली मारी। आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार और किसानों की जमीन छीने जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया। धरना में कई नेताओं और कार्यकर्ता शामिल थे।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने सदर प्रखंड कार्यालय के समक्ष दिया धरना, कहा संवाददाता, साहिबगंज. सदर प्रखंड मुख्यालय के समक्ष गुरुवार को पूर्व विधायक सह कार्यक्रम प्रभारी अनंत ओझा के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान उन्होंने सूर्या हांसदा की मौत की जांच सीबीआई से कराने और नगड़ी के रैयतों को रिम्स-2 के नाम पर छीनी जा रही जमीन वापस दिलाने की मांग की. धरना के बाद उन्होंने राज्यपाल के नाम प्रभारी बीडीओ को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. विधि व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है. अपराधी, माफिया, दलाल और बिचौलियों ने सरकारी तंत्र पर कब्जा जमा लिया है. विरोध करने पर सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नृशंस हत्या, झूठे मुकदमे और फिरौती जैसी सजा भुगतनी पड़ रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में प्रतिमाह पांच हजार से अधिक हत्या, लूट, दुष्कर्म और डकैती जैसे संगीन अपराध हो रहे हैं. हाल ही में संताल परगना के एक सामाजिक कार्यकर्ता की पुलिस ने एनकाउंटर दिखाकर हत्या कर दी. जिन पर पुलिस ने अपराधी होने का आरोप लगाया, वे लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ चुके थे और गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षा, भोजन और आवास उपलब्ध कराते थे. वे क्षेत्र में अवैध खनन और पत्थर तस्करी का विरोध करते थे, जो माफिया तत्वों को नागवार था. अनंत ओझा ने कहा कि स्वर्गीय सूर्या हांसदा पर कोई वारंट नहीं था. वे 14 मामलों में बरी हो चुके थे और पांच मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी थी. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें घर से उठाकर टॉर्चर किया और गोली मार दी. मीडिया को भी इस एनकाउंटर की जानकारी नहीं दी गई, जिससे स्पष्ट होता है कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता और सूर्या हांसदा के परिजन इस मामले की जांच सीबीआई से कराना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार लीपापोती में जुटी है. एक ओर आदिवासियों की हत्या हो रही है, वहीं दूसरी ओर नगड़ी में रैयतों की खेतिहर जमीन रिम्स-2 के नाम पर छीनी जा रही है. सरकार किसानों को उजाड़ने पर तुली हुई है. धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता सह प्रभारी धर्मेंद्र कुमार, सदर प्रखंड अध्यक्ष संजय मंडल और नगर महामंत्री संतोष चौधरी ने की. मौके पर पूर्व नप उपाध्यक्ष रामानंद साह, गणेश तिवारी, चन्द्रभान शर्मा, दिनेश पांडेय, चांदी देवी, मनोज यादव, अनुराग राहुल, जयप्रकाश सिन्हा, अनंत सिन्हा, पंकज चौधरी, संतीव पासवान, ओमप्रकाश पांडेय, मिथुन चौधरी, मुरारी चौधरी, सुनीता देवी, धीरण रिख्यासन, विनोद साह, कुंदन मंडल, डब्लू ओझा, भुलन दुबे, मनोज चोधरी, विक्रम दास, महेश मंडल, सविता देवी, रामलाल रविदास, उपेंद्र सिंह, कालीदास पाठक, गणेश सिंह, अवधेश यादव, जयकांत वर्मा, सत्यनारायण चौरसिया समेत कई लोग मौजूद थे.

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