बरहरवा. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जियागंज निवासी लोको पायलट कालेश्वर माल ने अपने जीवन के 40 वर्षों तक विभिन्न प्रदेशों में सेवाएं दीं. लेकिन अपने रिटायरमेंट के दिन सुबह गोड्डा ललमटिया-फरक्का एमजीआर रेल लाइन पर दो कोयला लोड मालगाड़ियों की टक्कर में वह जिंदा जल गए. इधर, उनके परिवार ने मंगलवार शाम को रिटायरमेंट पार्टी का आयोजन किया था, लेकिन उसी दिन सुबह यह दुखद खबर आई कि बरहेट के सोनाजोड़ी में हुई दुर्घटना में कालेश्वर माल की मृत्यु हो गई. इस खबर से उनका पूरा परिवार सदमे में आ गया. उनकी पुत्री मोयना माल ने बताया कि पिताजी से आखिरी बार फोन पर बात हुई थी, जिसमें रिटायरमेंट पार्टी का आयोजन करने का प्लान बना था. पिताजी का सपना था कि परिवार के सभी लोग शाम में घर पर एकजुट होकर पार्टी मनाएंगे, लेकिन यह सपना अब अधूरा रह गया. मोयना ने बताया कि उनके पिताजी सोनाजोड़ी लूप लाइन में अपनी खाली मालगाड़ी के इंजन में बैठे हुए थे, और कोयला लोड मालगाड़ी के पार होने का इंतजार कर रहे थे ताकि उन्हें सिग्नल मिल सके और वे ललमटिया की ओर रवाना हो सकें. लेकिन किसे पता था कि यह आखिरी यात्रा होगी. परिवार में उनकी पत्नी रायमोहिनी माल और पुत्र सुमोन माल सहित सभी सदस्य इस दुखद घटना से गहरे सदमे में हैं. मोयना ने बताया कि पिताजी जब घर से ड्यूटी पर निकल रहे थे तो मम्मी और भाई से भी बात की थी. परिवार ने रिटायरमेंट के बाद साथ घूमने का भी प्लान बनाया था, लेकिन यह सब अचानक बदल गया. एनटीपीसी की ओर से 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा एनटीपीसी ने इस दुर्घटना में शिकार हुए लोको पायलट कालेश्वर माल और अंबुज महतो के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही कालेश्वर माल की पत्नी को नौकरी देने का भी वादा किया गया है. यह जानकारी मृतक लोको पायलट अंबुज महतो के भाई अशोक महतो ने दी. अशोक ने बताया कि उनके भाई के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाया जाएगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

