बांग्लादेश के पदाधिकारी पहुंचे फरक्का, किया निरीक्षण प्रतिनिधि, फरक्का पश्चिम बंगाल के फरक्का से होकर बहने वाली गंगा नदी में जल बंटवारे के समाधान को लेकर मंगलवार को बांग्लादेश के अधिकारियों ने निरीक्षण किया. इस दौरान स्थानीय अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे. जानकारी के अनुसार, भारत और बांग्लादेश के बीच हुए गंगा जल बंटवारे के समझौते के तहत सुचारू रूप से कार्य नहीं होने और 25 दिसंबर 2025 को इस समझौते की अवधि समाप्त होने के कारण यह विशेष टीम फरक्का पहुंची. बांग्लादेश के जल आयोग के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कमिश्नर डॉ. अब्दुल हुसैन ने किया. उन्होंने फरक्का बैराज परियोजना के महाप्रबंधक आर. डी. देशपांडे से मुलाकात की और इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही, गंगा नदी में जल प्रवाह और जल बंटवारे की वर्तमान स्थिति का निरीक्षण भी किया. गौरतलब है कि वर्ष 1996 में भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा जल बंटवारे को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसकी अवधि 25 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है. इसी संदर्भ में 6 मार्च 2025 को कोलकाता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जायेगी. इस बैठक में दोनों देशों के बीच जल बंटवारे के समझौते को लेकर पुनर्विचार किया जाएगा या नहीं, इस पर चर्चा होगी और उसी के बाद कोई निर्णय लिया जायेगा. बांग्लादेशी कमिश्नर डॉ. अब्दुल हुसैन ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में गंगा नदी में जल प्रवाह सामान्य है. उन्होंने बताया कि फीडर कैनाल के माध्यम से बांग्लादेश को लगभग 68,000 क्यूसेक पानी मिलता है और इसी विषय को लेकर निरीक्षण किया गया है. हालांकि, दोनों देशों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बैठक 6 मार्च को होगी, जिसमें जल बंटवारे को लेकर बड़े निर्णय लिये जा सकते हैं. फरक्का बैराज परियोजना के महाप्रबंधक आर. डी. देशपांडे ने भी बताया कि जल प्रवाह की स्थिति का गहन निरीक्षण किया गया है. अब दोनों देशों के उच्च अधिकारियों की बैठक के बाद ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा.
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