साहिबगंज. भाद्र मास की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज पर्व का आयोजन विशेष महत्व रखता है. पतियों की दीर्घायु और दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि के लिए सुहागिन महिलाएं व्रत को बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ करती हैं. सोमवार को नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत हो गयी. परंपरा के अनुसार, महिलाएं सुबह स्नान कर नियमपूर्वक रसोई को साफ की. शुद्धता का ध्यान रखते हुए अरवा भोजन तैयार किया. हरितालिका भगवान को भोग अर्पित कर स्वयं प्रसाद रूपी भोजन ग्रहण करती हैं. मंगलवार को तीज व्रत का मुख्य दिन है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत का संकल्प लेकर दिनभर जल और अन्न का त्याग करती हैं. मंदिर में जाकर गौरी-शंकर की पूजा-अर्चना करेंगी. पूजा के दौरान हरितालिका कथा का श्रवण भी विशेष महत्व रखता है. पंडित पंकज पांडेय ने बताया कि तीज व्रत के पीछे गहरी आस्था और परंपरा जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि यदि कोई महिला निर्जला व्रत का पालन करने में असमर्थ है, तो वह शरबत, फल अथवा दवा का सेवन कर सकती है. इसमें कोई पाप नहीं है. क्योंकि व्रत का मूल उद्देश्य श्रद्धा और आत्मबल है. न कि स्वयं को कष्ट पहुंचाना. बुधवार को व्रत का पारण किया जायेगा. महिलाएं पूजा-अर्चना के बाद व्रत का समापन कर फलाहार अथवा पारंपरिक भोजन ग्रहण करती हैं. पारण के साथ ही तीज व्रत का निस्तार होता है. तीज पर्व को लेकर चौक बाजार, कॉलेज रोड, जिरवाबाड़ी, पटेल चौक में जमकर खरीदारी हुई. शृंगार दुकान, ज्वेलरी दुकान व साड़ियों की दुकानों में जमकर खरीदारी हुई. तीज पर्व पर खासकर महिलाओं की भीड़ साड़ी, गहने और शृंगार की दुकानों पर अधिक रही. इस वर्ष पारंपरिक साड़ियों की डिमांड अधिक रही. सिल्क, ऑर्गेजा, कांजीवरम, शिफॉन व बनारसी साड़ियां ग्राहकों की पहली पसंद बनी हैं. तीज में लहंगे की भी खूब बिक्री हुई है. शृंगार दुकानों में हरी-लाल चूड़ियां, शंखा पोला, बिंदी, मेहंदी, सिंदूर और अन्य शृंगार सामग्री की बिक्री हुई. मिठाई की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही. मिठाइयों में लड्डू, पेड़किया, गुजिया, खजली, लड्डू आदि की बिक्री हुई. तीज को लेकर पूजन सामग्री में भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमा, पूजा की थाली, दीपक, कलश, नारियल, फल, रोली, चावल आदि की खरीदारी हुई.
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