तालझारी. जिला मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर तथा तालझारी प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर हरे-भरे पहाड़ी झरनों और प्राकृतिक वादियों के बीच बसा मोतीझरना धाम श्रद्धा और पर्यटन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. पहाड़ी की तलहटी में स्थित गुफानुमा शिव मंदिर मोतीनाथ धाम में विराजमान भगवान शिव के प्रति लाखों श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है. नव वर्ष के अवसर पर लोग विशेष रूप से मोतीझरनाधाम में पूजा-अर्चना कर सुख-शांति की कामना करते हैं. पश्चिम बंगाल, बिहार सहित जिले के आसपास के क्षेत्रों से पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. रविवार को परिवार, मित्रों और विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भ्रमण के लिए यहां पहुंच रहे हैं. रविवार को पश्चिम बंगाल से आये पर्यटकों ने मोतीझरना का भ्रमण कर परिजनों व मित्रों के साथ वनभोज का आनंद लिया. मोतीझरना विकास समिति के साजन यादव, दिलीप यादव, अर्जुन ठाकुर समेत अन्य सदस्यों ने बताया कि 25 दिसंबर से ही पिकनिक के लिए पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है, जो नववर्ष तक जारी रहने की संभावना है. संभावित भीड़ को देखते हुए समिति ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की है. मोतीझरना धाम की विशेषता यह है कि गुफानुमा मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक सामने 40 से 60 फीट की ऊंचाई से सालों भर मोतीनुमा झरना गिरता रहता है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है. सावन में बिहार, झारखंड, बंगाल और ओड़िशा से बड़ी संख्या में कांवरिया यहां पहुंचते हैं. जिला प्रशासन और वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. नववर्ष के मौके पर यह स्थल पिकनिक स्पॉट में तब्दील हो जाता है, जहां हजारों सैलानी प्राकृतिक वादियों के बीच साल के पहले दिन का आनंद लेते हैं.थाना प्रभारी नितेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि नव वर्ष को देखते हुए मोतीझरना समेत आसपास के सभी पिकनिक स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जायेंगे.
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