साहिबगंज
समाज की जड़ों को खोखला करने वाला नशे का कारोबार किसी भी शहर के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है. यह केवल कानून और व्यवस्था का सवाल नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का भी प्रश्न है. साहिबगंज जैसे शांत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर में जब नशे का जाल फैलने लगे तो यह केवल अपराध की कहानी नहीं रह जाती, बल्कि सामाजिक पतन की चेतावनी बन जाती है. जब समय हुआ करता था कि जिले में गांजा की तस्करी व अवैध बिक्री के खिलाफ पुलिस छापामारी अभियान चला कर कई लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है. साथ ही भारी मात्रा में गांजा भी जब्त किया गया है. परंतु बदलते माहौल में साहिबगंज शहर अब उड़ता पंजाब के नक्शे कदम पर चलने को तैयार हो रहा है. यदि समय रहते इस पर काबू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में ब्राउन शुगर के जाल में शहर के सैकड़ों युवक फंस सकते हैं. सूत्रों की मानें तो पश्चिमी फाटक, अंजुमन नगर, एलसी रोड, गुल्ली भट्टा और पांच मोड़ जैसे इलाके इन दिनों ब्राउन शुगर बिक्री के प्रमुख ठिकाने बने हुए हैं. अंजुमन नगर के कुछ युवक मोटरसाइकिल पर सप्लाई करने का काम खुलेआम कर रहे हैं. उन्हें संरक्षण पुराने अपराधियों से मिलता है. सूत्र बताते हैं कि इस काले कारोबार में अब महिलाएं भी शामिल होने लगी हैं जिस पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है. बिहार में शराबबंदी के बाद ब्राउन शुगर, गांजा, नशीली टैबलेट, कोडीन युक्त सिरप और अन्य सूखे नशे का प्रचलन बढ़ा है. शराब की बड़ी बोतलें सीमावर्ती इलाकों से लाना कठिन होता है क्योंकि पुलिस की जांच में लोग पकड़े जाते हैं. लेकिन ब्राउन शुगर और नशीली दवाइयां छोटे पैकेट में आसानी से आ जाती हैं. यही कारण है कि साहिबगंज रेलवे स्टेशन, मिर्जाचौकी, तीनपहाड़ और बरहरवा स्टेशन के आसपास इसके बिचौलिये सक्रिय हो जाते हैं. वे माल की सप्लाई करते हैं और खुदरा बिक्री भी करवाते हैं.
जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इस काले कारोबार पर रोक लगाने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं. डीसी की अध्यक्षता में ईकॉर्ड कमेटी का गठन किया गया है. इसके नोडल पदाधिकारी मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार कुशवाहा हैं. एक विशेष टीम बनाई गई है जिसमें कई पुलिस पदाधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल हैं. उनका उद्देश्य केवल एक है—नशे के कारोबार पर काबू पाना. पिछले छह महीनों में जिला पुलिस ने कार्रवाई कर तकरीबन 10 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा है. सभी लोग नशे के कारोबार में शामिल थे. बंगाल सीमा क्षेत्र से जुड़े होने के कारण राधानगर और बरहरवा थाना क्षेत्र में अधिक मामले सामने आए हैं. पुलिस ने इन पर कार्रवाई की है और नशे के कई सामान बरामद किए हैं. यह स्थिति बताती है कि यदि समाज और प्रशासन मिलकर कदम न उठाए तो साहिबगंज का भविष्य खतरे में पड़ सकता है. नशे के खिलाफ लड़ाई केवल पुलिस की नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है.
केस स्टडी 13 जून 2025 को बरहरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत 2 किलो 996 ग्राम गांजा बरामद किया गया था. इस संबंध में बरहरवा थाना कांड संख्या 148/25 दर्ज किए गए थे. उस मामले में भी पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया था.
केस स्टडी 3
7 जून 2025 को राधा नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत 2 किलो गांजा बराबर किया गया था. उस दौरान भी पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी. इस संबंध में राधा नगर थाना कांड संख्या 198/25 दर्ज करते हुए पुलिस आगे की कार्रवाई की है. केस स्टडी 4 16 जुलाई 2025 को बरहरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत गुप्त सूचना के आधार पर कोडिंग युक्त कफ सिरप पुलिस ने बरामद की थी. जिसके 34 पीस पुलिस के हाथ लगे थे. उस मामले में बरहरवा थाना कांड संख्या 196/25 अंकित किये गये थे. साथ ही एक युवक को गिरफ्तार किया गया था. केस स्टडी 5 1 अगस्त 2025 को नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत 12 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप को नगर पुलिस ने बरामद करने में सफलता हासिल की थी. उस दौरान भी एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई थी. इस संबंध में नगर थाना कांड संख्या 117/25 दर्ज किए गए थे. केस स्टडी 61 अगस्त 2025 को बरहरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत 103 बोतल कोडिन युक्त कफ सिरप पुलिस ने बरामद किया था. इस संबंध में कांड संख्या एक 213/25 दर्ज करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.
इसके अलावा जिरवाबाड़ी पुलिस ने 10 ग्राम गांजा, मुफस्सिल थाना पुलिस ने 125 ग्राम गांजा, मिर्ज़ाचौकी पुलिस में 410 ग्राम गांजा एवं राधा नगर थाना पुलिस ने 13 ग्राम एमडीएमए जैसा पदार्थ बरामद किया था. इन सभी मामले में पुलिस ने एक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.
नशे के लिए की जा रहीं चोरियां
अंजुमन नगर और आसपास के इलाकों में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. कई मामलों में संलिप्त युवक अंजुमन नगर निवासी पाए गए हैं या उनका संबंध वहीं से रहा है. ब्राउन शुगर की लत ने युवाओं को अपराध की ओर धकेल दिया है. जब महंगी पुड़िया पाने के लिए पैसे की कमी होती है तो चोरी, छिनतई और लूट जैसे अपराध आसान रास्ता बन जाते हैं. युवक घरों में घुसकर गैस सिलेंडर, बर्तन, पंखा और टीवी जैसी मामूली चीजें चुराकर उन्हें बेचते हैं. बेचे हुए पैसे से नशा खरीदना उनका मकसद बन गया है. यह सिलसिला अब आम हो चला है. इससे साफ है कि चोरी की वजह सिर्फ नशे की जरूरत है और इसी कारण युवक छोटी से छोटी हरकत करने पर भी उतारू हो गये हैं. युवा चोरी के सामान बेचकर नशे ब्राउन शुगर जैसे नशे की जरूरत पूरा करते हैं.
माचिस की डब्बी में बिक रही ब्राउन शुगर शहर के कई हिस्सों में ब्राउन शुगर की बिक्री तेजी से हो रही है. छोटा पैकेट होने के कारण इसे ले जाना आसान माना जाता है. युवक माचिस की डिब्बी में ब्राउन शुगर रखकर सप्लाई करते हैं. फोन कॉल से ऑर्डर मिलता है और मोटरसाइकिल पर सवार होकर ग्राहक तक पहुंचा दिया जाता है. जांच पड़ताल के दौरान जेब में माचिस की डिब्बी देखकर लोग सामान्य समझकर छोड़ देते हैं. सूत्रों के अनुसार सप्लाई करने वाले युवक इसी तरीके से ब्राउन शुगर की बिक्री करते हैं. पाकुड़ व मालदा से आता है ब्राउन शुगरब्राउन शुगर जिले में पहुंचने के कई रास्ते दिन में दो रास्ते सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाते हैं अगर शहर व शहर के आसपास के इलाकों में सप्लाई होने वाले ब्राउन शुगर की बात की जाए तो सूत्रों के मुताबिक नंबर वन में पाकुड़ से ब्राउन शुगर को साहिबगंज में लाया जाता है. दूसरे स्थान पर मालदा का नाम आता है. जहां से ब्राउन शुगर साहिबगंज में प्रवेश करती है. प्रवेश करने का उपाय तो कई है लेकिन इनमें ज्यादातर महिलाएं भी इस कारोबार में शामिल होती है.
क्या कहते है एसपी
नशे के कारोबारी व इनसे जुड़े अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा अपराधी गतिविधि में शामिल लोग एवं हॉट स्पॉट को भी चिन्हित किया जा रहा है. सूचना एकत्रित की जा रही है. बहुत जल्द बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जाएगी. जिसमें जिला प्रशासन के संबंधित पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी शामिल रहेंगे. अमित कुमार सिंह, एसपी, साहिबगंजडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

