साहिबगंज
ग्रामीणों ने पुल निर्माण जैसे बड़े प्रोजेक्ट के बावजूद गांव की सड़कें जर्जर, नालियां टूटी और रोशनी नाममात्र होने की चिंता जतायी. गंगा तट पर पेयजल की कमी को भी गंभीर समस्या बताया. प्रभात संवाद में शिक्षकों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने अपने विचार रखे. सभी का संदेश एक था-अब वादा नहीं, काम चाहिए.” कार्यक्रम का समापन करते हुए अनुराग राहुल ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों को लिखित रूप में जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा, ताकि महादेवगंज और छठ घाट का विकास योजनाबद्ध तरीके से हो सके और गांव आदर्श के रूप में उभर सके.
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