साहिबगंज
ओडिशा और बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मोंथा का असर जिले में दूसरे दिन भी देखने को मिला. बुधवार की शाम से शुरू हुई बारिश गुरुवार की देर रात तक रुक-रुक कर जारी रही. ठंडी हवा के साथ हुई वर्षा ने मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया. आसमान बादलों से घिरा रहा, जिससे सूरज की किरणें ढंग से नहीं निकल सकीं. लगातार बारिश और 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही ठंडी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गयी. बुधवार को जहां अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस था, वहीं गुरुवार को यह घटकर 28 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. मौसम में आयी ठंडक ने लोगों को ऊमस और गर्मी से राहत दी, लेकिन किसानों की मुश्किलें बढ़ा दीं. जिले में धान की फसल पकने की अवस्था में है. ऐसे में लगातार हो रही बारिश और तेज हवा फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो रही हैं. किसानों ने बताया कि इस समय बारिश होने से धान का दाना काला पड़ सकता है. अंकुरण शुरू हो जाता है, जिससे फसल की गुणवत्ता घटती है. खेतों में पानी भरने और कीचड़ होने से कटाई कार्य भी प्रभावित हुआ है. हालांकि यह बारिश रबी सीजन की फसलों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. खेतों में नमी बढ़ने से गेहूं, सरसों और चना जैसी फसलों को पर्याप्त जल मिल रहा है. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में मौसम साफ हो गया, तो यह वर्षा रबी फसलों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है.
मोंथा के कारण निश्चित रूप से मौसम में बदलाव हुआ है. जिले में दो दिनों से बारिश हो रही है. बारिश की रफ्तार काफी कम है. अगर इसका रफ्तार अधिक होती है तो निश्चित रूप से किसानों के लिए शुभ संकेत नहीं है. साहिबगंज 49000 हेक्टेयर के लक्ष्य के अनुरूप 42000 हेक्टेयर में धान की खेती की गयी है, जो अब तक बेहतर है. क्योंकि धान काटने का समय भी आ गया है. तूफान की चपेट में आने से नुकसान होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है. कृषि विभाग लगातार किसानों के हित के लिए नजर बनाये रखा है.
प्रमोद कुमार एक्का, जिला कृषि पदाधिकारी, साहिबगंज
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