बरहरवा. फरक्का के पूर्व विधायक व तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मैनुल हक का रविवार की सुबह कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनके निधन की खबर फैलते ही मुर्शिदाबाद जिले के अलावे बंगाल से सटे साहिबगंज और पाकुड़ जिले में भी शोक की लहर दौड़ गयी. ज्ञात हो कि दिल का दौरा पड़ने के कारण मैनुल हक कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. उनका जन्म 1963 में मुर्शिदाबाद जिले में हुआ था. वे कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर 1996 से 2016 तक लगातार पांच बार फरक्का के विधायक चुने गये. 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व वे एआइसीसी के सचिव और झारखंड कांग्रेस के सह प्रभारी रह चुके थे. पूर्व मंत्री आलमगीर आलम से उनकी काफी अच्छी मित्रता थी और वे पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र में भी काफी लोकप्रिय थे. इधर, उनके निधन पर साहिबगंज के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है. कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम ने कहा कि मैनुल हक का हमारे क्षेत्र के लोगों से गहरा लगाव था. 2014 के विधानसभा चुनाव, 2018 के नगर चुनाव व 2019 के लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिये कई दिनों तक जनसंपर्क अभियान चलाया था. वहीं, उनके निधन पर पाकुड़ विधायक निसात आलम, कांग्रेस प्रदेश महासचिव तनवीर आलम, जिलाध्यक्ष बरकत खान, अशोक दास, रंजीत टुडू, मो नसरुद्दीन, गुलाम रब्बानी, मुफक्कर हुसैन, भोलानाथ महतो, नाबिद अंजुम, मिथुन मंडल, नेहाल अख्तर, अनंत लाल भगत, दिलदार आलम, निताय सरकार, थॉमस रॉबर्ट सहित अन्य ने गहरा दु:ख जताया है.
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