पचास लाख रुपये खर्च करेगा पर्यटन विभाग : डीसी
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एलइडी व मास्ट लाइट से चमकेगा मोती झरना
पचास लाख रुपये खर्च करेगा पर्यटन विभाग : डीसी पर्यटकों को मिलेगी कई सुविधाएं, बनेगा सामुदायिक भवन साहिबगंज : राजमहल की पहाड़ियों के बीच प्राकृतिक झरना के रूप में पर्यटकों को अपनी और आर्कर्षित करने वाले मोतीझरना की खूबसूरती बढ़ाया जायेगा. देश-विदेश के पर्यटकों के अलावा झरना किनारे पहाड़ी की गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग […]
पर्यटकों को मिलेगी कई सुविधाएं, बनेगा सामुदायिक भवन
साहिबगंज : राजमहल की पहाड़ियों के बीच प्राकृतिक झरना के रूप में पर्यटकों को अपनी और आर्कर्षित करने वाले मोतीझरना की खूबसूरती बढ़ाया जायेगा. देश-विदेश के पर्यटकों के अलावा झरना किनारे पहाड़ी की गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग की ख्याति बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग पचास लाख रुपये खर्च करेगा. ये बातें डीसी शैलेश चौरसिया ने कही. उन्होंने कहा कि महाराजपुर स्थित मोती झरना को पर्यटन विभाग ने और अधिक सुसज्जित करने की कवायद शुरू कर दी है.
झरना के चारों ओर एलइडी व मास्ट लाइट लगेगी. श्री चौरसिया ने कहा कि पार्क निर्माण के अलावा बाहर से आने वाले भक्तों को ठहरने के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण भी किया जायेगा. मोकामा से फरक्का तक एनएच 80 से 2 मिलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी की गुफा के अंदर शिवमंदिर है. गुफा के बाहर पूरे साल अज्ञात जलस्त्रोत से झरना गिरता रहता है. सावन माह में यहां देश-विदेश के भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने आते हैं. राजमहल की पहाड़ियों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ साथ शिव भक्तों को मोती झरना में बेहतर सुविधा मिले इसके लिए प्रयास चल रहा है. आदिवासी क्षेत्रों के अलावा आदिम जन जातियों के विकास को जोड़ कर भी प्रशासन पर्यटन स्थलों को विकास करेगी. मोती झरना में आधारभूत संरचना बढ़ा कर स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जायेगा.
राजकुमार, डीडीसी
नो माइनिंग जोन घोषित है इलाका
राज्य सरकार के निर्देश पर मोती झरना व आसपास के इलाके में जिला प्रशासन ने खनन कार्य पर रोक लगा दिया है. झरना व मंदिर के आसपास के इलाके को नो माइनिंग जोन घोषित कर दिया गया है. खदान के अलावा आसपास के क्रशर को भी बंद करा दिया गया है.
जिले में पर्यटन विकास की संभावना तलाशने का प्रयास चल रहा है. राज्य के पर्यटन एवं कला संस्कृति विभाग की ओर से जिले को इस मद में एक करोड़ रुपये मिला है. विकास समिति की बैठक में मोतीझरना के विकास के लिए भी रुपये खर्च करने का प्रस्ताव लिया गया है. राजमहल की पहाड़ी के आसपास नो माइनिंग जोन बनाने की प्रक्रिया चल रही है.
अनमोल कुमार सिंह, अपर समाहर्ता
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