– साहिबगंज कॉलेज में दो गुटों में मारपीट
– कॉलेज में बाहरी छात्रों की करतूत सुन एसटी हॉस्टल के छात्रों ने खोया आपा
– लाठी-डंडा से लैस होकर दर्जनों छात्र पहुंचे थाने
– शहर में मची भगदड़
साहिबगंज : साहिबगंज महाविद्यालय में बुधवार की दोपहर करीब 12 बजे दो गुटों के बीच झड़प हो गयी. इसके बाद पूरे शहर में भगदड़ मच गयी. मामला कॉलेज के बाहरी छात्रों की कारस्तानी से जुड़ा है. मिली जानकारी के अनुसार साहिबगंज महाविद्यालय में अपने को ग्नू का छात्र कहनेवाले अरविंद साह उर्फ जॉन अपने दो साथियों के साथ किसी छात्र या छात्र का फॉर्म भरवाने का कार्य कर रहा था.
इसी बीच एसटी हॉस्टल के छात्र विपिन रजक कार्यालय की ओर से जा रहे थे. किसी मामले को लेकर अरविंद साह व विपिन रजक में कहासुनी हो गयी. इसके बाद अरविंद साह के ग्रुप ने विपिन रजक के साथ मारपीट की और फिर विपिन को थाना लेते आया.
खबर सुनते ही एसटी हॉस्टल के छात्र उतरे सड़क पर : विपिन के साथ मारपीट की खबर ज्योंहि एसटी हॉस्टल पहुंची, वहां के छात्र उबल गये. सैकड़ों छात्र लाठी व डंडे के साथ नगर थाने की ओर दौड़ लगाने लगे. एक बार ऐसा लगा कि शहर में भगदड़ मच गयी हो. देखते ही देखते सैकड़ों छात्र नगर थाना के अंदर प्रवेश कर गये. इसके बाद थाना परिसर में ही तीनों युवक में से एक के साथ पुलिस के सामने ही मारपीट की, जिससे वह घायल हो गया.
साथ ही आंदोलित छात्र विपिन रजक को थाने लेकर आये अरविंद साह, मो अकरम व युनूस को बाहर निकालने की मांग करने लगे. मामला बिगड़ता देख थाना प्रभारी विनोदानंद सिंह ने अपने वरीय पदाधिकारी को सूचना दी.
सूचना मिलते ही थाने पहुंचे वरीय अधिकारी : सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर जीपी सिंह, सअनि रामचंद्र प्रसाद, मंकेश्वर सिंह व अन्य पुलिस बल छात्रों को समझाने का प्रयास किये. लेकिन गुस्से में आंदोलित छात्र नहीं मान रहे थे.
छात्रों का कहना था कि उक्त तीनों महाविद्यालय के छात्र नहीं है. हबीबपुर कुलीपाड़ा के रहने के कारण आये दिन आकर छेड़खानी व मारपीट करते है. उन्हें जेल भेजा जाये. मौके पर भाजपा नेता मनोज पासवान, छात्र नेता रवि कुमार, इग्नाशियस हांसदा, कॉलेज छात्र नायक चित्तरंजन दास, आदिवासी छात्र नेता प्रदीप मुमरू, कपिल रविदास पहुंचे.
बैठक के बाद हुआ सुलह
बाद में थाने में ही इंस्पेक्टर जीपी सिंह, थाना प्रभारी व सभी छात्र नेता के साथ बैठक हुई. बैठक में अरविंद साह व अन्य दोनों छात्रों ने माफी मांगी व लिखित आवेदन बांड के रूप में दिया कि कॉलेज में अनावश्यक रूप से नहीं जायेंगे. ना ही अभद्र व्यवहार करेंगे. अगर ऐसा होता है तो 50-50 हजार का जुर्माना व कानूनी कार्रवाई कर सकते है. तब जाकर मामला शांत हुआ. लगभग 2 घंटे तक थाना के बाहर सैकड़ों छात्रों की भीड़ लगी रही.