बरहरवा : अगर मन में हो कुछ करने की लगन तो हर राह आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है 12वीं के छात्र साहिबगंज जिले के बरहरवा कुशवाहा टोला के विकास दुर्गा महतो ने. छोटी-सी उम्र में अब तक तीन किताबें लिख डाली है. विकास ने वर्ष 2018 में ‘इबादत इश्क की’ नामक कविता संग्रह लिखी जिसके प्रकाशित होते ही युवाओं के बीच इतना क्रेज बढ़ा कि इसकी ऑनलाइन बिक्री काफी तेजी से होने लगी.
ऑनलाइन वेबसाइट अमेजन, किंडल, डेलीहंट, पुस्तक मंडी सहित अन्य ऑनलाइन साइट पर इस पुस्तक की काफी डिमांड होने लगी और देखते ही देखते इस पुस्तक को इस कदर सराहा जाने लगा है कि लोग अब इसे झारखंड का बेस्ट सेलर किताब भी बताने लगे हैं. विकास की पहली किताब 2015 में ‘डार्क सोल’ अंग्रेजी में प्रकाशित हुई लेकिन पाठकों का अच्छा रिस्पांस नहीं मिला. पुनः 2016 में उसने ‘रहनुमा’ नामक हिंदी में पुस्तक लिखी. इस पुस्तक को भी कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी.
इस बात से विकास काफी निराश हुआ लेकिन उसने अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य की ओर बढ़ने काे ठान ली.
विकास ने बताया कि उसकी नयी पुस्तक ‘इबादत इश्क की’ को राजस्थान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के रिसर्च में सिलेक्ट किया गया. इसे बेस्ट पुस्तक का अवार्ड भी मिला है. जिसकी सूचना मेल के माध्यम से विकास को मिली है.
विकास ने बताया कि उक्त पुस्तक के बेस्ट अवार्ड लेने के लिए राजस्थान आना और जाना उनके लिए काफी मुश्किल है क्योंकि जो इनाम की राशि उन्हें मिलती शायद उतना पैसा उन्हें आने-जाने में ही खर्च हो जाता. इस कारण वे राजस्थान नहीं गये. उनकी नयी किताब की प्रशंसा इस कदर हो रही है मानो कोई छोटे से शहर में एक सितारा उभर आया हो. पुस्तक का प्रकाशन सूरज पॉकेट बुक्स ठाणे महाराष्ट्र से हो रहा है. उनके पुस्तक का मुद्रक रिप्लिका प्रेस प्राइवेट लिमिटेड सोनीपत हरियाणा है. उनके प्रकाशन में संपादकीय का कार्य मोहित शर्मा जहन ने किया है.
अब आगे क्या? : विकास ने बताया कि अब उनका फ्यूचर प्लान कॉमिक्स और अच्छी-अच्छी किताबों को प्रकाशित करवाना और युवाओं के दिल में एक जगह बनाना है. 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे ग्रेजुएट भी होना चाहते हैं. सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरहरवा से प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के बाद विकास वर्तमान में प्लस-टू उच्च विद्यालय बरहरवा के 12वीं के छात्र हैं. उनको किताब लिखने की प्रेरणा बचपन से ही थी लेकिन कक्षा 9वीं और 10वीं में उसने एक-एक पुस्तक लिखी. धीरे-धीरे लिखने की तमन्ना जगने लगी और छोटी-सी उम्र में ही विकास ने तीन किताबें लिख डाली.