25.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

ग्रामीण इलाकों में राशन की ऑनलाइन होम डिलीवरी से महंगाई को मात देने में जुटीं महिलाएं, लॉकडाउन से अब तक इतने रुपये की कर ली कमाई…

Jharkhand news, Ranchi news : ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (JSLPS) से जुडीं सखी मंडल की दीदियां मोबाइल एप से अपनी आय बढ़ाने के लिए कई अभिनव पहल शुरू की है. उन्हीं पहलों में से एक है सखी बास्केट. खूंटी जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत स्थित अनिगड़ा- रोड टोली में 2 सखी मंडलों की 6 महिला सदस्यों ने ऑनलाइन आर्डर के माध्यम से राशन की होम डिलीवरी का कार्य शुरू किया है.

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (JSLPS) से जुडीं सखी मंडल की दीदियां मोबाइल एप से अपनी आय बढ़ाने के लिए कई अभिनव पहल शुरू की है. उन्हीं पहलों में से एक है सखी बास्केट. खूंटी जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत स्थित अनिगड़ा- रोड टोली में 2 सखी मंडलों की 6 महिला सदस्यों ने ऑनलाइन आर्डर के माध्यम से राशन की होम डिलीवरी का कार्य शुरू किया है.

आपदा एवं महामारी के इस घड़ी में जहां लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं, वहीं इन ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित सखी बास्केट नामक यह दुकान पूरी सतर्कता के साथ लोगों के घर-घर जाकर राशन उपलब्ध करा रहा है. विगत 4 माह से सखी बास्केट ने कोरोना काल में अबतक 1500 से ज्यादा लोगों के घरों तक राशन पहुंचाने का काम किया है.

सखी बास्केट से कैसे मिलता लाभ

मोबाइल एप सखी बास्केट से ऑनलाइन मंगाये गये राशन खूंटी जिले के केंद्र बिंदु (नेताजी चौक) के 4 किलोमीटर के दायरे में निवास कर रहे लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है. सखी बास्केट एप के माध्यम से आर्डर करने पर 250 रुपये के ऊपर के आर्डर पर मुफ्त डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध है. 250 रुपये से कम के सामान की खरीद पर ग्राहक को 20 रुपये की अतिरिक्त राशि डिलीवरी शुल्क के तौर पर देना पड़ता है.

Also Read: मनरेगा कर्मियों की काम के दौरान मौत होने पर परिजनों को मिलेंगे 5 लाख रुपये, PF का भी मिलेगा लाभ… पढ़िए पूरी खबर सखी बास्केट- एक अभिनव पहल

अनिगड़ा ग्राम अंतर्गत सखी मंडल का गठन वर्ष 2017 में हुआ था. इसके तहत रोड-टोली की महिलाएं कृषि के माध्यम से अपना जीविकोपार्जन कर रही थीं. वहां निवास कर रही अधिकतर महिलाएं कृषि एवं उसके उत्पाद पर अपना गुजर बसर कर रही थीं. महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना (Women Farmer Empowerment Project) के तहत उन्होंने ग्रामीण सेवा केंद्र, अनिगड़ा के तहत लेमन ग्रास (Lemon grass) की खेती और उसके आसवन (Distillation) के माध्यम से आजीविका संवर्धन में सहायता मिली.

लॉकडाउन के दौरान हो रहे परेशानियों को ध्यान में रखते हुए राशन रोड-टोली के 6 दीदियों ने राशन के होम-डिलीवरी करने की योजना बनायी. इस पहल के लिए सहेली महिला मंडल की मीरा देवी, सरोज देवी व उर्मिला देवी एवं गुलाब महिला मंडल की सीता देवी, ललिता देवी व लक्ष्मी कुमारी सामने आयीं. इन दीदियों ने अपने-अपने समूहों से 50-50 हजार रुपये का ऋण लेकर राशन का सामान एकत्रित करना शुरू किया. तालाबंदी की वजह से सामान को लाने-ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन सभी ने धैर्य का परिचय दिया और रोड किनारे एक वितरण केंद्र स्थापित किया. शुरुआत के दिनों में इन दीदियों ने व्हाट्सअप (whatsapp) एप के माध्यम से आर्डर लेते थे और साइकिल से डिलीवरी करवाती थी.

मोबाइल एप से बढ़ी आमदनी

सखी मंडल की दीदियां हर दिन कड़ी मेहनत और परिश्रम से अपने ग्राहकों की संख्या बढाने में प्रयासरत थीं, वहीं दूसरी ओर सखी बास्केट का संचालन कर रही दीदियों में से एक ललिता देवी का पुत्र रोशन नाथ गंझू अपनी होटल प्रबंधन की पढ़ाई पूर्ण कर गांव वापस लौटा था. रोशन ने सुचारू सखी बास्केट के लिए एक एप्लीकेशन (एप्प) बनाने का सुझाव रखा तथा अपने दोस्तों की मदद से दिल्ली की एक सॉफ्टवेर डेवलपमेंट कंपनी से बात किया. रोशन ने सभी को अपना खुद का एप बनवाने का सुझाव दिया. दीदियों ने रोशन की बात को समझा और एप निर्माण के लिए 35 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि का समूह के माध्यम से निकासी किया और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध करवाया. तकनीकी सहायता एवं स्टॉक के अपडेट के लिए उस एप को कंप्यूटर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) नामक एप से जोड़ दिया गया. इस एप्प के माध्यम से ग्राहक अपनी सुविधानुसार भाषा का चयन कर उपलब्ध सामान घर बैठे मंगा सकते हैं. दीदियों ने एप के माध्यम से आर्डर 2 जुलाई, 2020 को इसके गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड होने के बाद किया. प्राप्त सामान के भुगतान के लिए कैश ऑन डिलीवरी और ऑनलाइन (UPI) का विकल्प भी दिया गया है.

Also Read: कोयलांचल में 4 कॉलेजों के 14 विषयों के लिए जारी हुई पहली मेरिट लिस्ट, पीके रॉय मेमोरियल में कट ऑफ मार्क्स सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के इस दौर में बरती जा रही है सतर्कता

कोविड काल में शुरू हुए इस पहल में कोरोना की रोकथाम के लिए विशेष ख्याल रखा जाता है. आर्डर मिलने के बाद दीदियां सामान पैक करने के लिए मास्क एवं ग्लब्स का इस्तेमाल करती हैं. डिलीवरी से पहले और बाद में बास्केट (टोकरी) को सैनिटाइज किया जाता है. डिलीवरी करने वाले को मास्क और ग्लब्स पहनना अनिवार्य रहता है. संक्रमण को कम से कम किया जा सके, इसके लिए डिलीवरी बास्केट पर ही बार कोड लगाया गया है, ताकि कैश न होने की स्थिति में ग्राहक ऑनलाइन भुगतान अंकित खाते में कर सके.

Undefined
ग्रामीण इलाकों में राशन की ऑनलाइन होम डिलीवरी से महंगाई को मात देने में जुटीं महिलाएं, लॉकडाउन से अब तक इतने रुपये की कर ली कमाई... 2
2 ग्रामीणों को मिला रोजगार

सखी बास्केट का संचालन ग्रामीण महिलाओं के द्वारा ही किया जा रहा है. मुख्य रूप से मीरा देवी और सरोज देवी इस प्रतिष्ठान की देखभाल करती हैं. सरोज देवी खुद से ही दुकान का लेखा-जोखा संभालती हैं. दीदियां तकनीकी तौर पर अभी आत्मनिर्भर नहीं बन पायी है. इस कारण ललिता देवी के बेटे रोशन अभी उनकी सहायता कर रहे हैं. ऑनलाइन आर्डर प्राप्ति, समन्वय स्थापित करने एवं ससमय डिलीवरी के लिए दीदियों ने 2 अन्य ग्रामीणों को रोजगार का अवसर प्रदान किया है. एक दूकान पर बैठ कर आर्डर एवं स्टॉक की निगरानी करते हैं, तो वहीं दूसरा व्यक्ति ऑनलाइन आर्डर को स्कूटी के माध्यम से घर-घर जाकर पहुंचाता है.

करीब 5 लाख रुपये का हुआ लेन-देन

तालाबंदी के दौरान जहां लोगों को घर से निकलना दुश्वार हो रहा था, वहीं इन ग्रामीण महिलाओं ने ऑनलाइन एप के माध्यम से जरूरत की सामानों को घर के दरवाजे तक पहुंचाने की कवायद कर दिखायी है. संकट के इस घड़ी में भी ग्रामीण महिलाओं की इस पहल ने 1,048 डिलीवरी करने का कारनामा कर दिखाया है. वहीं, अप्रैल माह से अब तक सखी बास्केट के माध्यम से करीब 4 लाख 72 हजार रुपये का लेन-देन किया जा चुका है.

अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुंचना पहली प्राथमिकता : मीरा देवी

सखी बास्केट का संचालन कर रही मीरा देवी बताती हैं कि मोबाइल एप के बन जाने से ग्राहकों की संख्या में काफी वृद्धि आयी है. अभी मुनाफा की ओर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम अपना स्टॉक एवं ग्राहक वर्धन पर विशेष जोर दे रहे हैं, ताकि हम जिले के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकें. उन्होंने कहा कि अभी हमने केवल 2 स्टाफ रखे हैं और खर्च की कटौती करने के लिए खुद ही लेखापाल का काम भी कर रही हूं. सखी बास्केट का हमारा यह सपना समूह और उसके द्वारा प्रदत्त बैंक लिंकेज की सुविधा के बगैर संभव नहीं था. वर्तमान में हम इस अनुष्ठान से लाभ नहीं ले रहे हैं. आ रहे आमदनी से स्टाफ का भुगतान, ऋण वापसी एवं स्टॉक वर्धन के लिए ही इस्तमाल किया जा रहा है.

Also Read: केंद्रीय टीम ने रांची के विभिन्न कोविड-19 अस्पतालों का किया निरीक्षण, इलाज व्यवस्था की ली जानकारी आजीविका फॉर्म फ्रेश : मोबाइल एप से सब्जी डिलीवरी

लॉकडाउन के दौरान रांची शहर में सब्जियों की होम डिलीवरी की व्यवस्था भी मोबाइल एप के जरिये शुरू हुई है. सखी मंडल की महिलाओं के उत्पादों को बाजार से जोड़ने के लिए ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (JSLPS) ने इस पहल की शुरूआत की थी, जो लॉकडाउन के बाद भी जारी है. इस कार्य से भी दीदियों की अच्छी कमाई हो रही है. पिछले कुछ महीने में 4000 से अधिक सब्जियों की होम डिलीवरी हुई है. राज्य में सखी मंडल की बहनें आजीविका मिशन के जरिये लगातार तकनीक के उपयोग से आमदनी में बढ़ोतरी के लिए विभिन्न नये आयामों से जुड़ रही है. आने वाले दिनों में सखी मंडल की दीदियों को ई- कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये विभिन्न उत्पादों के ऑनलाइन बिक्री की भी तैयारी जोरों पर है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें