रांची (प्रमुख संवाददाता). वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में एक लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है. इसमें महात्मा गांधी व संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर के विचार समाहित हैं. यही वजह के झारखंड के हर कोने से गरीब, किसान, छात्र, व्यवसायी और चैंबर के प्रतिनिधियों ने इसकी सराहना की है. उक्त बातें वित्त मंत्री बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर पक्ष-विपक्ष की चर्चा के बाद सरकार के उत्तर में कही.
श्री किशोर ने कहा कि अगर बजट में विपक्ष का सहयोग मिलता तो और पारदर्शिता दिखती. एफआरबीएम व नीति आयोग द्वारा मुद्रास्फीति तीन प्रतिशत के मानक को लेकर झारखंड को देश में पहला स्थान मिला है. झारखंड का मुद्रास्फीति की दर 2.02 फीसदी है. वहीं एचीवर्स स्टेट में झारखंड का स्थान चौथा है.मंईयां योजना न तो रेवड़ी है और न ही फ्री बीज
श्री किशोर ने कहा कि हेमंत सरकार ने महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर मंईयां योजना लायी है. इससे महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार देखने को मिल रहा है. यह ना तो रेवड़ी और ना ही फ्री बीज. इसके लिए किसी विभाग से राशि की कटौती नहीं की गयी है. कई विभाग में एक प्रतिशत की राशि की कटौती की गयी है. यह वह राशि है, जिसे विभाग खर्च करने की स्थिति में नहीं थे. सरकार इसका जनहित में उपयोग कर रही है. विपक्ष 450 रुपये में गैस सिलिंडर की बात कह रहा है, उसे प्रधानमंत्री उज्जवला योजना नहीं दिख रहा है. केंद्र सरकार ने योजना 38.44 लाख करोड़ रुपये खर्च किये, लेकिन आज ना तो किसी पास चूल्हा और ना ही सिलिंडर है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना फ्री बीज थी. केंद्र सरकार ने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए इसे लाया था.झारखंड का हक है केंद्र पर 1.36 लाख करोड़ का बकाया
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पर 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया झारखंड का हक है. झारखंड केंद्र सरकार से भीख नहीं अपना हक मांग रहा है. केंद्र सरकार झारखंड से भेदभाव की नीति अपना रही है. यही वजह है कि अब तक चालू वित्तीय वर्ष के अनुदान के 11 हजार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. पिछले पांच वर्षों से अनुदान की राशि लगातार घटायी जा रही है. जल जीवन मिशन में चालू वित्तीय वर्ष में 6000 करोड़ का भुगतान नहीं किया है. इसकी वजह से जलापूर्ति योजनाओं का काम प्रभावित हो रहा है. यही नहीं केंद्र से अक्तूबर से वृद्धा, विधवा व दिव्यांग के लिए एक अरब 41 करोड़ की राशि नहीं मिली है. केंद्र के पास मनरेगा के 600 करोड़ रुपये बकाया हैं. उन्होंने कहा कि बजट राजस्व संग्रहण के सभी प्रावधान किये गये हैं. चालू वित्तीय वर्ष में जनवरी 2025 तक 65.54 प्रतिशत राजस्व संग्रहण किया गया है. मुझे पूरा विश्वास है कि 31 मार्च तक 80-85 प्रतिशत तक राजस्व संग्रहण कर लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है