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Ranchi News : कोकर में ही करनी थी हत्या, मौका नहीं मिला तो कांके में मारी गोली

कोलकाता में बनी थी अनिल टाइगर की हत्या की योजना

वरीय संवाददाता, रांची. शूटर अमन सिंह ने पुलिस को बताया कि अनिल टाइगर की हत्या की योजना कोलकाता में सूरज सिन्हा, मैं और रोहित वर्मा ने बनायी थी. कोकर के खोरहा टोली के समीप स्थित घर के पास ही अनिल टाइगर की हत्या की जानी थी. रोहित और मैं उसके घर के पास पहुंच गये थे. हम दोनों कांटाटोली के एक होटल में रुके हुए थे. पहले उनके दिनचर्या की रेकी कर सारी बात बता दी थी. 27 मार्च को अनिल टाइगर जब घर से निकले थे, उसी समय उनकी हत्या की जानी थी, लेकिन वहां पर मौका नहीं मिला. अनिल टाइगर इंडस्ट्रियल एरिया से पेट्रोल पंप होते हुए एक काले रंग के स्काॅर्पियो से जा रहे थे. दोनों उसका पीछा करते रहे. कांके के जोड़ा पुल के पास भी रोहित वर्मा उन्हें गोली मारना चाह रहा था. लेकिन उस दौरान अमन व रोहित की बीच किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गयी. इसके बाद वहां अनिल टाइगर को गोली नहीं मारी गयी. बाद में जब अनिल टाइगर कांके स्थित एक झोपड़ी में बैठ कर मोबाइल पर कुछ खेल रहे थे, तब मैं वहां गया और खाने के लिए भात मांगा. इसी दौरान उनके सिर में सटा कर गोली मार दी. इसके बाद सड़क पर रांग साइड से हमलोग भागने लगे, तो पीछा कर हमें पकड़ने का प्रयास किया गया. इसी दौरान भागने के क्रम में रोहित वर्मा को गोली लगी थी. अमन सिंह ने पुलिस को बताया कि लोहरदगा में दिसंबर 2024 में मंगलू महतो की हत्या हुई थी, उसमें हमारा नाम भी आया था. हमें अनिल टाइगर की हत्या करने के बाद इस मामले से बरी करने का लालच दिया गया था. हमें यूपीआइ के माध्यम से 50 हजार रुपये दिये गये थे. अनिल टाइगर की हत्या करने के बाद मुरी होते हुए मैं कोलकाता भाग गया था. हत्या के बाद भाजपा ने कराया था रांची बंद : घटना के बाद भाजपा तथा कुर्मी संगठन के सांसद सहित कई विधायक व नेता हत्या के विरोध में सड़कों पर उतर आये थे. सांसद ने सड़क से सदन तक मामले को उठाया था. साथ ही वर्तमान सरकार को आड़े-हाथों लिया था. जबकि यह हत्या पूरी तरह जमीन विवाद के कारण हुई थी. सड़क पर बंद के दौरान काफी हंगामा व आगजनी भी हुई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हत्या का मास्टर माइंड देवब्रत नाथ शाहदेव भी भाजपा से जुड़ा था. अनिल टाइगर के विराेध के कारण देवव्रत जमीन पर कब्जा और उसकी बिक्री नहीं कर पा रहा था : कांके के चामगुरू मौजा के गागी स्थित 10 एकड़ विवादित जमीन को ग्रामीणों के सहयोग से देवव्रत नाथ शाहदेव द्वारा कब्जा किया जा रहा था. इसका अनिल महतो विरोध कर रहा था. अनिल टाइगर की हत्या की वजह पहले जमीन पर कब्जे का विरोध करना और फिर कब्जा करने वालों से प्रति डिसमिल 50 हजार रुपये की मांग करना था. बाद में देवव्रत नाथ शाहदेव व अनिल टाइगर की बीच वार्ता भी हुई थी. वार्ता के दौरान ही वर्ष-2023 के अगस्त माह में देवव्रत नाथ शाहदेव द्वारा उक्त भूमि पर चहारदीवारी का निर्माण कर जबरन दखल कब्जा किया जा रहा था. अनिल टाइगर ने ग्रामीणों के सहयोग से देवव्रत नाथ शाहदेव को जमीन कब्जा करने से रोक दिया था. इसके बाद देवव्रत नाथ शाहदेव ने उक्त भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा से कांके थाना में अनिल महतो सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या-215/2023 ) दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में 40-50 अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. सभी पर मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया था. इस घटना के बाद भी कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव ने अपने सहयोगियों के माध्यम से उस जमीन पर दखल-कब्जा करने एवं बिक्री करने का प्रयास किया. लेकिन अनिल महतो ने देवव्रत नाथ शाहदेव का लगातार विरोध किया, जिसके परिमाण स्वरूप देवव्रत नाथ शाहदेव की ओर से उस भूमि पर न तो कब्जा किया जा सका और न ही उसकी बिक्री की जा सकी.

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