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करकट्टा बंद खदान से निकल रही दमघोंटू गैस

करकट्टा के बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में वर्षों से आग लगी है. ऐसे में पिछले कई दिनों से चल रही पछुआ हवा ने करकट्टा बंद खदान से निकल रही दमघोंटू गैस को बढ़ा दी है.

कोयला खनन कर फेस खुला छोड़ा, हवा चलने से धधक रही आग

प्रतिनिधि, खलारी

करकट्टा के बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में वर्षों से आग लगी है. ऐसे में पिछले कई दिनों से चल रही पछुआ हवा ने करकट्टा बंद खदान से निकल रही दमघोंटू गैस को बढ़ा दी है. इससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है. करकट्टा में छह दशक पूर्व चार, पांच और छह नंबर अंडरग्राउंड माइंस चल चुका है और इस इलाकों में जहां की धरती की सतह कमजोर होती है, वहां जमींदोज होकर या भू-धंसान होकर जहरीला धुआं निकलने लगता है. इस इलाका में आग की दायरा करीब दो किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. कुल मिलाकर खुली और भूमिगत बंद खदान में बड़े पैमाने पर आग लगी हुई है. दरअसल पूर्व में केडीएच परियोजना की ओर से कोयला खनन कर फेस खुला छोड़ दिया गया, जिससे कोयला का फेस लगातार हवा के संपर्क में है और कोयले में लगी आग भयानक रूप से फैलते जा रही है. यहां रहने वाले करकट्टा, विश्रामपुर व खिलान धौड़ा के लोगों का नारकीय जीवन हो गया है. आग की लपटें एक ओर जमीन फाड़ते हुए जंगल की ओर बढ़ती जा रही है, वहीं आग की लपटें कोयले की चट्टानों को तेजी से राख में तब्दील कर रही है. जबकि पिछले कुछ दिनों से चल रही तेज पछुआ हवा चलने से निकल रही दमघोंटू गैस बढ़ गयी है. गैस अब करकट्टा मुख्य मार्ग तक महसूस किया जा सकता है. करकट्टा कॉलोनी के लोगों ने बताया कि दमघोंटू गैस के कारण देर शाम क्वार्टर से टहलने के लिए बंद कर दिये हैं.

हालात का जायजा ले चुके हैं अधिकारी

वर्ष 2018-19 में करकट्टा में केडीएच पैच खदान खुली. 12 से 13 माह खनन चलने के बाद जमीन क्लीयरेंस नहीं होने के कारण खदान बंद हो गयी. खदान बंद होने के बाद वहां आग पकड़ ली. वर्ष 2022 फरवरी में करकट्टा खदान में लगी आग का भयावह रूप ले लिया था. इसे लेकर पूर्व में सीसीएल प्रबंधन और राज्य सरकार के उच्च पदाधिकारी हालात का जायजा ले चुके हैं.

खदान विस्तारीकरण के नाम पर सिर्फ आश्वासन

खदान विस्तारीकरण के नाम पर प्रबंधन लोगों को विस्थापित करने का आश्वासन देता रहता है. लेकिन, कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है. इससे आग बढ़ती जा रही है. खदान में लगी आग से करकट्टा और खिलानधौड़ा आवासीय क्षेत्र कभी भी जमींदोज हो सकता है. सीसीएल की बंद पैच खदान में और आसपास की खदानों की माने तो एक दशक के ऊपर से आग लगी हुई है. समय रहते आबादी क्षेत्र विस्थापन नीति से खाली नहीं करवाया गया तो एक बड़ी आबादी काल के गाल में समा सकती है.

करकट्टा व खिलानधौड़ा में भय का माहौल

झामुमो प्रखंड अध्यक्ष करकट्टा निवासी अनिल पासवान ने कहा कि इनदिनों दमघोंटू गैस ज्यादा महसूस हो रही है. पूरा करकट्टा व खिलानधौड़ा के लोगों के बीच हमेशा भय का माहौल रहता है, परंतु आग पर काबू पाने को लेकर प्रबंधन उदासीन है. प्रबंधन से आग पर काबू करने व लोगों को विस्थापन की मांग की है.

प्रबंधन की उदासीन रवैया से लोग परेशान

तुमांग पंचायत के मुखिया संतोष कुमार महली ने कहा कि करकट्टा क्षेत्र की पूरी आबादी वर्षों से नारकीय जीवन को विवश हैं और पूरा इलाका चौतरफा खदान से घिरता जा रहा है. सीसीएल प्रबंधन की उदासीन रवैया है. उन्होंने आरआर पॉलिसी के तहत करकट्टा, खिलानधौड़ा सहित अन्य जगहों के लोगों को विस्थापन की मांग की है.

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Prabhat Khabar News Desk
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