-हरमू स्थित एमआरएफ सेंटर तैयार, शुरु हुआ ट्रायल, जल्द होगा उद्घाटन -रांची में 12 जगहों पर तैयार किये जा रहे एमआरएफ सेंटर रांची. रांची नगर निगम की ओर से रांची की 12 जगहों पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत हरमू स्थित एमआरएफ सेंटर तैयार हो गया है. इसे ट्रायल पर चलया जा रहा है. जल्द ही इसका उद्घाटन किया जायेगा. इसके अलावा बाकी एमआरएफ पर भी तेजी से काम किया जा रहा है. यह नयी तकनीक होगी, जिसकी मदद से कचरा का प्रोसेसिंग व रियूज किया जा सकेगा. इससे दुर्गंध नहीं आयेगी, ओपन डंपिंग कम से कम होगा. यह एमआरएफ सेंटर आइटीआइ पिस्का मोड़, कर्बला चौक, नागाबाबा खटाल, मोरहाबादी, कांटाटोली, हटिया, बड़ा घाघरा व हरमू में किया जा रहा है. हरमू स्थित एमआरएफ सेंटर में प्रति दिन 60 टन तक कचरा प्रोसेस किया जा सकेगा. वहीं बाकी एमआरएफ में भी 25 टन से 50 टन तक कचरा प्रोसेस किया जा सकेगा. बता दें रांची शहर से हर दिन लगभग 650 टन कचरा निकलता है. इस कचरा में लगभग 350 टन गीला कचरा और 300 टन सूखा कचरा रहता है. कैसे करेगा काम डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने के बाद गाड़ी से सीधे कचरा को एमआरएफ के होपर में डाला जायेगा. इसके बाद कचरा को अलग-अलग करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. कचरा पहले मेटल सेपरेटर से गुजरेगा, जहां किसी प्रकार के मेटल के सामान को अलग किया जायेगा. इसके बाद 80 एमएम तक के गार्बेज व 80 एमएम से ज्यादा के गार्बेज को अलग-अलग किया जायेगा. 80 एमएम तक के गार्बेज से खाद तैयार किया जायेगा. वहीं 80 एमएम से ज्यादा के गार्बेज का इस्तेमाल रिफ्यूज डायवर्टेड फ्यूल (आरडीएफ) के लिए किया जायेगा. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के रियूज सामान को अलग किया जायेगा. क्या होगा लाभ पहले कचरा को डंपिंग यार्ड में फेंका जाता था. इसके बाद वहां पर कचरा का प्रोसेसिंग किया जाता था. ऐसे में कचरा का पहाड़ बन जाता था. अब मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी की मदद से पहले ही कचरे को प्रोसेस किया जा सकेगा. कचरे की डंपिंग कम होगी. दुर्गंध नहीं आयेगी. कचरे का ज्यादा से ज्यादा रिसाइक्लिंग किया जा सकेगा.
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