रांची. कैथोलिक समुदाय ने रविवार को पवित्र त्रित्व पर्व श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया. इस अवसर पर रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप विंसेंट आईंद ने हेसाग स्थित ख्रीस्त राजा गिरजाघर में 113 बच्चों को दृढ़ीकरण संस्कार प्रदान किया. आर्चबिशप ने अपने प्रवचन में पवित्र तृत्व का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि ईश्वर एक ही है, परंतु उसमें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के रूप में तीन व्यक्तित्व विद्यमान हैं. उन्होंने इसे पानी के तीन रूपों तरल, ठोस और वाष्प से जोड़ते हुए समझाया कि जैसे तीनों रूप एक ही जल तत्व के हैं, वैसे ही तृत्व के तीन रूप एक ही ईश्वर में निहित हैं. आर्चबिशप ने दृढ़ीकरण संस्कार ग्रहण करने वाले बच्चों को पवित्र आत्मा के सात वरदानों का महत्व बताते हुए विश्वास में दृढ़ रहने और आदर्श ख्रीस्तीय जीवन जीने की प्रेरणा दी.
जुबली वर्ष के तहत विशेष क्रूस का स्वागत
ख्रीस्तीय समुदाय के लिए यह वर्ष जुबली वर्ष घोषित किया गया है. इसके अंतर्गत विशेष जुबली क्रूस को विभिन्न पल्लियों में घुमाया जा रहा है. रविवार को यह क्रूस आरागेट पल्ली से हेसाग पल्ली लाया गया. आरागेट के पल्ली पुरोहित फादर बेसिल रुंडा ने क्रूस को हेसाग पल्ली पुरोहित फादर प्रदीप तिर्की को सौंपा. आर्चबिशप विंसेंट आईंद ने धूप और माल्यार्पण कर क्रूस का स्वागत किया. महिला संघ की माताओं ने पारंपरिक रीति से क्रूस को धोकर सम्मानित किया और ढोल-नगाड़ों की गूंज के साथ शोभायात्रा निकालकर क्रूस को गिरजाघर में स्थापित किया. इस अवसर पर फादर अभय मिंज, फादर प्रफुल टोप्पो, आर्चबिशप के सचिव फादर असीम मिंज समेत बड़ी संख्या में विश्वासी उपस्थित थे.
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