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एसपी की जांच में खुलासा- कोयला तस्करी में पुलिस व सीसीएल अफसर शामिल, हुआ करोड़ों का खेल

लातेहार के बालूमाथ थाना में कोयला चोरी को लेकर दर्ज केस की जांच रिपोर्ट एसपी प्रशांत आनंद ने डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को भेज दी है

रांची : लातेहार के बालूमाथ थाना में कोयला चोरी को लेकर दर्ज केस की जांच रिपोर्ट एसपी प्रशांत आनंद ने डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को भेज दी है. रिपोर्ट में लिखा है कि इस मामले में गिरफ्तार लोगों के बैंक खाते इसकी पुष्टि करते हैं कि नियमित रूप से कोयला माफियाओं के बैंक खाते से करोड़ों रुपये के लेन-देन हुए हैं. हालांकि, पुलिस संबंधित खातों का सत्यापन नहीं कर सकी और यह मामला सीआइडी को ट्रांसफर हो गया है. यह भी पता चला है कि पुलिस के कुछ अफसरों ने भी कोयला माफियाओं से बड़ी रकम ली है.

एसपी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, बालूमाथ थाना क्षेत्र के ओसीपी माइनिंग एरिया में कोयला का अवैध कारोबार हो रहा था. इस मामले में प्रोजेक्ट इंचार्ज अशोक कुमार की शिकायत पर कामेश्वर कुमार दास और चेतलाल सहित अन्य ट्रक मालिकों व उनके चालकों के खिलाफ छह जून को केस दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सीसीएल के सुरक्षा पदाधिकारी, एसआइएसएफ और चेक पोस्ट पर तैनात कर्मियों के अलावा गिरफ्तार चालक कामेश्वर का बयान लिया गया.

सीसीएल के पदाधिकारियों ने बताया है कि ओसीपी माइनिंग एरिया से बालूमाथ क्षेत्र के अलावा अगल-बगल के जिले रामगढ़, रांची, चतरा के कोयला माफिया कोयले के कारोबार में शामिल हैं. साक्ष्य के आधार पर केस में संलिप्त कोयला माफिया मिथुन साव, चेतलाल और पवन कुमार की गिरफ्तारी की गयी.

ऐसे होता था अवैध कारोबार : आरोपियों ने बताया है कि स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों, सीसीएल के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से कोयले का अवैध कारोबार होता था. कोलियरी के बाहर ट्रक को कोई पकड़ नहीं सके, इसलिए वे लोडिंग, कांटा, जीएसटी और परिवहन से संबंधित फर्जी कागजात तैयार कराते थे. आरोपियों के मोबाइल को देखने से भी स्पष्ट होता है कि पुलिसकर्मियों एवं कोयला माफियाओं के बीच कारोबार से संबंधित मैसेज का आदान-प्रदान होता था. डालटेनगंज निवासी संतोष मिश्रा अवैध कोयला ढुलाई के लिए परिवहन संबंधी फर्जी पेपर माफियाओं को उपलब्ध कराता था.

उसका ऑफिस अरगोड़ा में है. उसने पूछताछ में इसकी पुष्टि भी की है. इस काम के लिए उसे पैसे मिलते थे. साइबर कैफे चलानेवाले रामगढ़ के कुजू निवासी अमित केसरी से वह फर्जी कागजात बनवाता था और व्हाट्सएप पर मंगाता था. पुलिस की टीम कुजू स्थित अमित केसरी के ऑफिस में भी छापेमारी कर चुकी है. उसने पूछताछ में बताया था कि वह कोयला ऑफिस जाने पर कंप्यूटर से फर्जी पेपर तैयार करता था.

जांच में हुई पुलिस की संलिप्तता की पुष्टि : एसआइटी की जांच में कोयला माफिया से पुलिस के संबंधों की पुष्टि हो चुकी है. एसआइटी को जांच में इस बात की जानकारी मिली थी कि तत्कालीन बालूमाथ एसडीपीओ रणवीर सिंह, बालूमाथ थाना प्रभारी राजेश मंडल, पूर्व थाना प्रभारी सुभाष पासवान और एसडीपीओ के रीडर राहुल कुमार का संरक्षण कोयला कारोबारियों को था.

राजेश मंडल ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि कोयला के अवैध कारोबार में लगे माफिया पहले कोयला लोड ट्रक का नंबर मैसेज एवं व्हाट्सएप से राजेश मंडल और राहुल के जरिया एसडीपीओ के पास भेजते थे. एसडीपीओ से अनुमति मिलने के बाद इन ट्रकों में कोयला लोड कर एसआइएसएफ, सीसीएल के सिक्योरिटी गार्ड और चेक पोस्ट पर तैनात कर्मियों की मिलीभगत से वहां से निकल जाते थे.

इन बिंदुओं पर अनुसंधान की अनुशंसा की है एसपी ने : केस में तत्कालीन थाना प्रभारी, पूर्व के थाना प्रभारियों एवं तत्कालीन एसडीपीओ की संलिप्तता सामने आ रही है. केस में जब्त एक पे लोडर पूर्व थाना प्रभारी सुभाष पासवान के रिश्तेदार के नाम से होने की सूचना है. सीसीएल के पदाधिकारियों की शामिल होने की संभावना है. इस बिंदु पर अनुसंधान करना जरूरी है.

अब तक के अनुसंधान में काफी मात्रा में रुपयों के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं. इसका पूर्ण सत्यापन और साक्ष्य संकलन भी आवश्यक है. अभियुक्त अमित कुमार केसरी के कुजू स्थित कार्यालय और संतोष कुमार मिश्रा के रांची के अरगोड़ा स्थित कार्यालय से कोयला के अवैध परिवहन और अवैध दस्तावेज बनाने के सबूत मिले हैं. जिससे यह पता चलता है कि कोयला के इस कारोबार में इंटर स्टेट गिरोह शामिल है. जिसके पूरे नेटवर्क के बारे में पता लगाने की आवश्यकता है

आरोपियों से पूछताछ में मिले तथ्यों से इस बात की पूरी संभावना है कि अवैध कोयला को राज्य के विभिन्न जिलों तथा अन्य राज्यों में बेचा जाता था. कोयला चोरी में शामिल विभिन्न जिलों के गिरोह के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए विस्तृत साक्ष्य संकलन की आवश्यकता है. फर्जी माइनिंग चालान, ट्रांसपोर्ट चालान और जीएसटी इत्यादि कागजात बनाने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण टैक्स चोरी और अन्य बिंदुओं पर भी गहराई से जांच करने की जरूरत है

Post by : Pritish Sahay

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