रांची. झारखंड के युवा अब पहियों पर उड़ान भर रहे हैं. रोलर स्केटिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. खासकर छोटे बच्चों और युवाओं के बीच. राज्य के विभिन्न जिलों में सैकड़ों युवा स्केटिंग का प्रशिक्षण ले रहे हैं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं. हालांकि, अब भी सुविधाओं की कमी उनकी राह में बाधा बन रही है. पढ़िए पूजा सिंह की रिपोर्ट़
18 जिलों में मिल रहा स्केटिंग प्रशिक्षण
रोलर स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ झारखंड की पहल पर राज्य के 18 जिलों में स्केटिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें रांची, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, गढ़वा, रामगढ़, चतरा, जमशेदपुर, गिरिडीह, देवघर, पाकुड़ सहित अन्य जिले शामिल हैं. वर्तमान में करीब 450 बच्चे और युवा स्केटिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं. अकेले रांची में 60 से अधिक स्केटर हैं, जिनकी उम्र पांच से 19 वर्ष के बीच है.रांची में दो जगह दी जाती है ट्रेनिंग
रोलर स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ झारखंड द्वारा राजधानी रांची में दो स्थानों पर स्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है. मोरहाबादी और संत जेवियर स्कूल, डोरंडा. खास बात यह है कि संत जेवियर स्कूल में ज्यादातर बच्चे निम्न वर्ग से आते हैं, जिनके लिए स्केटिंग किट और प्रशिक्षण की व्यवस्था संस्था खुद करती है.चार करोड़ रुपये की लागत से बन रहा स्केटिंग रिंक
राज्य में स्केटर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए खेलगांव में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्केटिंग रिंक बनाया जा रहा है. हालांकि, यह प्रोजेक्ट पिछले चार वर्षों से अधर में लटका हुआ है. 80% काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इसे खिलाड़ियों के लिए चालू नहीं किया गया है. यह रिंक चार करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और इसके पूरा होते ही खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण सुविधा मिल सकेगी.संघर्षों से भरा सुषमा टोप्पो का सफर
रांची की सुषमा टोप्पो ने 2014 में स्केटिंग सीखना शुरू किया और जल्द ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता. हालांकि, इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने नेशनल प्रतियोगिता के सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. वर्तमान में वे स्केटिंग के साथ-साथ सेल सिटी में 10-15 बच्चों को प्रशिक्षण भी दे रही हैं.पांच बार नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं एलेक्स लकड़ा
रांची के डिबडीह निवासी एलेक्स लकड़ा पिछले 10 वर्षों से स्केटिंग कर रहे हैं. उन्होंने पांच बार नेशनल स्केटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया है. अब वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं. स्केटिंग के साथ-साथ वे कुड़ुख भाषा में ग्रेजुएशन भी कर रहे हैं. उनका कहना है : अगर हमें उचित स्केटिंग रिंक मिले, तो हम और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.आठवीं के छात्र शैलभ केरकेट्टा की ऊंची उड़ान
संत थॉमस स्कूल में पढ़नेवाले आठवीं कक्षा के छात्र शैलभ केरकेट्टा चार साल से स्केटिंग कर रहे हैं. उन्होंने मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली और चेन्नई में आयोजित नेशनल स्केटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया है. अब जोनल प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे हैं और हर दिन डेढ़ घंटे कड़ी मेहनत करते हैं.10 से अधिक मेडल जीत चुके हैं हर्ष राज
हॉली क्रॉस स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र हर्ष राज खलखो 10 से अधिक पदक जीत चुके हैं, जिनमें गोल्ड और सिल्वर दोनों शामिल हैं. तीन साल से स्केटिंग कर रहे हैं और पांच से सात वर्ष के आयु वर्ग में पांच से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. उनका सपना है : स्केटिंग में देश के लिए बड़ा मेडल जीतना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है