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रांची में देखने को मिला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास, सीएम हेमंत सोरेन भी थे मौजूद

दही-हांडी प्रतियोगिता देखने शहर के विभिन्न कोने से भक्त पहुंचे थे. भक्तों ने कहा कि महोत्सव के बीच बारिश भगवान श्रीकृष्ण की जन्म तिथि के अनुकूल है. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान का जन्म भाद्रपद में अष्टमी तिथि को रोहिनी नक्षत्र में हुआ था.

झमाझम बारिश के बीच बुधवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास राजधानी रांची में छाया रहा. उत्सवी अंदाज में सजे छोटे-छोटे बच्चे शहर में बाल गोपाल और गोपी राधा के रूप में नजर आये. मोरहाबादी, मेन रोड और धुर्वा समेत विभिन्न इलाकों के राधा-कृष्ण मंदिर में भक्त राधे-राधे का जयकारा लगाते दिखे. वहीं, शाम ढलते ही हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की… के एक स्वर में गोविंदाओं का जत्था मोरहाबादी मैदान में उतरा. देखते ही देखते पुरुषों और महिलाओं का अलग-अलग समूह 20 से 25 फीट ऊंचे पिरामिड का शक्ल लेने लगा. दही-हांडी फोड़ने का उत्साह देखते ही बन रहा था. गोविंदाओं के उत्साह को बढ़ाने सीएम हेमंत सोरेन भी मोरहाबादी मैदान पहुंचे. इसके बाद गोविंदाओं का देखते बना.

भक्तों ने बारिश को सराहा :

दही-हांडी प्रतियोगिता देखने शहर के विभिन्न कोने से भक्त पहुंचे थे. भक्तों ने कहा कि महोत्सव के बीच बारिश भगवान श्रीकृष्ण की जन्म तिथि के अनुकूल है. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान का जन्म भाद्रपद में अष्टमी तिथि को रोहिनी नक्षत्र में हुआ था. जब भगवान का जन्म हुआ था, तो माता देवकी के समक्ष अपनी संतान को बचाने की चुनौती थी. भगवान ने आधी रात में जन्म लिया. उस वक्त भी मूसलाधार बारिश हो रही थी और उनके पिता वासुदेव उनको उस बारिश में भी बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए निकल पड़े थे.

बाल गोपाल ने किया रैंपवॉक

मोरहाबादी मैदान में जन्माष्टमी के मौके पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव 2023 का आयोजन हुआ. शाम चार बजे से बाल गोपाल व बाल राधा पोशाक प्रतियोगिता हुई. इसमें छोटे-छोटे बच्चे श्री कृष्ण व राधा की वेशभूषा में पहुंचे. प्रतियोगिता दो ग्रुप में हुई. पहले ग्रुप में पांच वर्ष तक के बच्चे शामिल हुए. छोटे-छोटे बच्चे राधा-कृष्ण की वेशभूषा में रैंपवॉक करते नजर आये. वहीं, दूसरे ग्रुप में छह से 12 वर्ष तक के बच्चों ने हिस्सा लिया. जहां बच्चों ने गीत-संगीत के बीच श्रीकृष्ण की बाल लीला की प्रस्तुति दी.

शाम छह बजे के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गौ पूजन किया गया. महोत्सव में लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए मथुरा और वृंदावन के कलाकार पहुंचे थे. गायकों के श्री कृष्ण भक्ति भजन पर दर्शक झूमते नजर आये. वहीं शाम सात बजे से पुरुष व महिला गोविंदा टीम दही-हांडी फोड़ प्रतियोगिता का हिस्सा बनने मैदान में पहुंच चुकी थी. पुरुष और महिला वर्ग में प्रतियोगिता हुई.

सीएम हेमंत सोरेन ने मटकी फोड़ प्रतियोगिता की शुरुआत की

सीएम हेमंत सोरेन ने मटकी फोड़ प्रतियोगिता शुरू की. रात 9:45 बजे पुरुष वर्ग की गोविंदा टीम ने मानव पिरामिड बनाकर दही हांडी फोड़ने का प्रयास शुरू किया. पहले, दूसरे और तीसरे प्रयास में टीम विफल रही. फिर टीम ने एकजुट होकर दोबारा प्रयास किया और पिरामिड का आकार बढ़ाया. टीम ने पांच मिनट का समय पूरा कर लिया था, तो उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया. दूसरा प्रयास मांडर की टीम ने किया और विफल रही. नेशनल स्कूल ऑफ योगा की टीम ने पहले ही प्रयास में दही हांडी फोड़ दी. टीम मात्र 44 सेकंड में पिरामिड बनाकर दही हांडी फोड़ने में सफल रही.

देश की धार्मिक संस्कृति को जानें लोग : सीएम

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत की संस्कृति से जुड़ी हुई धार्मिक आस्था लोगों को उत्साहित करती है. लोगों को भी धार्मिक आस्था से जुड़ना होगा. आस्था अनंत काल तक लोगों में जीवंत रहेगी. भगवान श्री कृष्ण का परिचय शब्दों में करना आसान नहीं है. भगवान श्री कृष्ण युग का प्रतिनिधित्व करते हैं.

बाल गोविंदाओं को सीएम ने किया सम्मानित

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित बाल गोपाल व राधा पोशाक प्रतियोगिता के विजेताओं को सीएम हेमंत सोरेन ने सम्मानित किया. पांच वर्ष तक के आयु वर्ग में प्रथम पुरस्कार हर्षवी सिंह और द्वितीय व तृतीय पुरस्कार क्रमश: संयुक्त रूप से आरव गुप्ता व गौरांशी आर्या और युवान शौर्य व परिधि श्रीवास्तव को दिया गया.

राधा-कृष्ण के बाल रूप ने किया मोहित

बरिश के बाद भी श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति की ओर से आयोजित जन्माष्टमी महोत्सव का आनंद लेने के लिए अलबर्ट एक्का चौक के पास कार्यक्रम स्थल पर काफी भक्त जमा हुए. इस मौके पर चाहे राधा फोड़ तेरी मटुकिया जो तु माखन न दोगी…. सहित अन्य भजनों के बीच राधा-कृष्ण का मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया. लगातार हो रही बारिश के बीच लोगों ने इस नृत्य नाटिका का आनंद लिया. इसे कन्हैया इवेंट ने पेश किया. वहीं शाम चार बजे भगवान श्री गणेश की स्तृति के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ.

परिणाम इस प्रकार

छह महीने से सात वर्ष तक के ग्रुप में प्रथम पुरस्कार : दक्षित और द्वितीय पुरस्कार : मानसबरी सरकार को और सात से 12 वर्ष तक में प्रथम पुरस्कार : निखिल राज व द्वितीय पुरस्कार आनया कुमारी को मिला. वहीं विशेष पुरस्कार राघव को दिया गया. इसके अलावा प्रतियोगिता में हिस्सा लेनेवाले सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया.

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