रांची. नामकुम के सहेरा स्थित सलेसियन कॉन्वेंट की दो धर्मबहनों ने शनिवार को एक वर्ष के लिए शुद्धता, निर्धनता एवं आज्ञापालन का अपना पहला व्रत धारण किया. सिस्टर लिली सिंग्लिक और सिस्टर सुमारी डुंगडुंग की व्रत धारण की धर्मविधि रांची कैथोलिक महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आइंद की अगुवाई में समारोही मिस्सा बलिदान के साथ संपन्न हुई. मौके पर महाधर्माध्यक्ष विंसेंट आइंद ने अपने धर्मोपदेश में कहा कि दूसरों के लिए अपने जीवन को समर्पित करना, दूसरों की जरूरत के प्रति संवेदनशील बनना एवं उपलब्धता व्रत धारण जीवन की विशेषता है. निर्धनता, शुद्धता, आज्ञापालन कमजोरी नहीं बल्कि शक्ति है. धर्म उपदेश के बाद दोनों धर्मबहनों ने कलीसिया के सम्मुख प्रार्थना की. ईश्वर को धन्यवाद देते हुए स्तुति गान गाया. मिस्सा के अंत में विंसेंट आइंद ने दोनों धर्मबहनों को शुभकामनाएं दी. उनके माता-पिता को भी उनके हृदय में विश्वास का बीज बोने के लिए आभार व्यक्त किया. मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. केक भी काटा गया. इस अवसर पर फा. याकूब, महाधर्माध्यक्ष के सचिव फा. असीम मिंज, सलेसियन धर्मबहनों के धर्मसंघ की जेनरल सुपीरियर अन्य धर्मबहनें एवं व्रत धारण करने वाली धर्मबहनों के माता-पिता एवं रिश्तेदार उपस्थित थे.
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