अजय दयाल, रांची. रिम्स के डेंटल कॉलेज (सुपर स्पेशियलिटी परिसर) के पीछे मरीजों के परिजन के ठहरने के लिए चार तल्ला विश्राम गृह बनाया गया है. यहां सिक्यूरिटी मनी के रूप में 500 रुपये लिया जाता है. जो कमरा छोड़ने के समय वापस हो जाता है. लेकिन छुट्टी या पर्व-त्योहार के दिन स्थिति ऐसी हो जाती है कि डिस्चार्ज मरीज या मरीज के डेथ होने पर कमरा छोड़ने पर सिक्यूरिटी मनी वापस नहीं मिलती है. गार्ड नदारद रहते हैं. परिजन परेशान होकर अपने पांच सौ रुपये छोड़कर चले जाते हैं. ऐसा ही मामला रामनवमी के दिन देखने को मिला. रामनवमी के दिन कई परिजन सिक्यूरिटी मनी के लिए भटकते रहे, लेकिन उनका 500 रुपये वापस नहीं हुआ. परेशान होकर वह अपने मरीज को लेकर लौट गये. इतना ही नहीं पावर ग्रिड परिसर में शीत गृह है. अज्ञात शव या बाद में ले जाये जाने वाले शव को शीत गृह में रखा जाता है. वहां भी छुट्टी या त्योहार के दिन कोई नहीं रहता. जिससे पुलिस के साथ-साथ परिजनों को भी परेशानी होती है. बेड चार्ज 100 रुपये, कटानी होती है रसीद : विश्राम गृह में एक बेड का चार्ज 100 रुपये है. इसके लिए परिजन को रिम्स में अपने मरीज की पर्ची, अपना व मरीज के आधार कार्ड की कॉपी देकर सेंट्रल इमरजेंसी के काउंटर से रसीद कटाना पड़ता है. विश्राम गृह में होमगार्ड के दो जवानों को देखरेख के लिए रखा गया है. परिजन को उनके पास सिक्यूरिटी मनी के रूप में 500 रुपये जमा करना होता है. उसके बाद बेड मिल जाता है. विश्राम गृह के किसी कमरे में छह तो किसी में आठ बेड है. हर कमरे में दो पंखा के साथ एक वॉशरूम भी है. मरीजों का सामान सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग लाॅकर भी है. ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है ऐसी कोई सूचना हमारे पास नहीं आयी है. इस प्रकार की समस्या के लिए विश्राम गृह में हेल्पलाइन नंबर भी है. यदि किसी को समस्या हुई, तो तुरंत उस पर कॉल कर सकते थे, होमगार्ड के दो जवान भी वहां हमेशा तैनात रहते हैं. मैं स्वयं भ्रमण कर समस्या का समाधान करता रहता हूं. किसी ने इस प्रकार की भ्रामक खबर फैलायी है. डॉ शैलेश त्रिपाठी, उपाधीक्षक, रिम्स
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