रासायनिक खेती से तबाही के बाद पूरी दुनिया में जैविक खेती (Organic Farming) पर जोर दिया जा रहा है. भारत में भी इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer) से बचने की भी सलाह दी जा रही है. इसके लिए उन्हें बाकायदा जैविक खाद (Organic Manure) से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जैविक खाद तैयार करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
पोर्टेबल पिट को कहीं ले जा सकते हैं
जैविक खाद तैयार करने के लिए जो कंपोस्ट पिट (Wormi Compost Pit) बनाया जाता है, उसकी लागत आमतौर पर 2.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के बीच आती है. लेकिन, भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था वन उत्पादकता संस्थान रांची के वैज्ञानिकों की मदद से झारखंड में किसानों को महज 3,000 रुपये में वर्मी कंपोस्ट पिट उपलब्ध कराया जा रहा है. यह पोर्टेबल पिट है, जिसे कहीं भी ले जा सकते हैं.
IFP रांची ने बनाया पोर्टेबल पिट
किसानों की सुविधा के लिए वन उत्पादकता संस्थान (IFP Ranchi) के वैज्ञानिकों ने यह पोर्टेबल पिट तैयार किया है. रांची स्थित वन उत्पादकता संस्थान (Institute of Forest Productivity Ranchi) के सीनियर साइंटिस्ट डॉ संजीव भाटिया ने बताया कि उनके संस्थान की ओर से किसानों के कल्याण के लिए कई काम वैज्ञानिक कर रहे हैं.
प्लास्टिक से तैयार किया वर्मी कंपोस्ट पिट
डॉ भाटिया ने बताया कि अगर कोई किसान कंपोस्ट पिट बनाना चाहे, तो उसे जमीन के साथ-साथी मोटी रकम भी खर्च करनी पड़ती है. लेकिन, वन उत्पादकता संस्थान के वैज्ञानिकों ने उनके लिए एक प्लास्टिक से बना बैग तैयार किया है, जिसमें वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है. यह पोर्टेबल पिट है, जिसे आप कहीं भी ले जा सकते हैं.
किसानों को मुफ्त में केंचुआ देता है संस्थान
उन्होंने बताया कि वन उत्पादकता संस्थान की ओर से कुछ लोगों को मुफ्त में भी ये प्लास्टिक पिट दिया जाता है. साथ में केंचुआ भी फ्री में दिया जाता है, ताकि किसान जैविक खाद बना सकें. यह पिट उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जो शहरों में रहते हैं. वे चाहें, तो इस पिट को मकान की छत पर भी रख सकते हैं. अगर घर बदलना पड़े, तो भी उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.