24 राज्यों के बुनकरों के 60 स्टॉल, हथकरघा और रेशम के अद्भुत कलेक्शन के साथ दो सितंबर तक रेडिसन ब्लू में प्रदर्शनी
रांची.
झारखंड नाबार्ड और द इंडियन स्टोर झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में ग्रामीण भारत महोत्सव क्लास सिल्क 2025 का आयोजन राजधानी के रेडिसन ब्लू होटल में किया जा रहा है. यह महोत्सव अपने तीसरे संस्करण में पहुंच चुका है, जिसमें देश भर के 24 राज्यों के बुनकरों द्वारा 60 स्टॉल लगाये गये हैं. उदघाटन रविवार को रेडिएशन ब्लू के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नंदिनी गुप्ता, नाबार्ड के सीजीएम गौतम कुमार सिंह ने किया. नंदनी गुप्ता ने कहा कि हर साल ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं. एक्सपो में पारंपरिक साड़ियां, सूट, पर्स, जूती से लेकर घरेलू सजावट की वस्तुओं तक, हथकरघा और रेशम उत्पादों के कई कलेक्शन है. प्रदर्शनी में करघे पर बुनाई का लाइव प्रदर्शन भी आयोजित किया गया है. प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से रात नौ बजे तक है. प्रवेश निःशुल्क है. यह एक्सपो दो सितंबर तक रहेगा.प्रदर्शनी में है खास :
प्रदर्शनी में कश्मीर से कन्याकुमारी और मणिपुर से राजस्थान तक के पारंपरिक और समकालीन हथकरघा रेशम बुनाई के कलेक्शन है. महाराष्ट्र से पैठणी साड़ियां, ओडिशा से संबलपुरी, मध्य प्रदेश से माहेश्वरी, पश्चिम बंगाल से बालूचरी, जामदानी, तंगैल, कांथा स्टिच और मुर्शिदाबाद सिल्क, तमिलनाडु से कांजीवरम, बेंगलुरु सिल्क, इलकल साड़ियां, मैसूर सिल्क साड़ियां, कर्नाटक कसुती हाथ की कढ़ाई वाली साड़ियां, गुजरात से पाटन पटोला, छत्तीसगढ़ से कोसा सिल्क, झारखंड से कुचाई और भगैया सिल्क, असम से सिनलेमा हैंडलूम और मुगा सिल्क, उत्तर प्रदेश से कढ़ाई, चिकनकारी और बनारसी सिल्क, कश्मीर और लद्दाख से पश्मीना, आंध्र प्रदेश से कलमकारी कढ़ाई, बिहार से मिथिला-मधुबनी पेंटिंग वाले कपड़े और बावन बूटी, हथकरघा, पंजाब से फुलकारी, त्रिपुरा से चकमा के कलेक्शन है.एक्सपो में यह भी है खास :
एक्सपो में घरेलू सजावट के सामान में टीकमगढ़ से उत्तम पीतल के बर्तन, बिजनौर, उत्तर प्रदेश से लकड़ी के खिलौने, झारखंड से डोकरा और सोहराई की वस्तुएं, पश्चिम बंगाल से गुरनी मिट्टी और ग्लास फाइबर की वस्तुएं आदि हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

