RIMS-2 Protest News: झारखंड की राजधानी रांची के कांके प्रखंड अंतर्गत नगड़ी में किसानों के आंदोलन ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ से पहले चंपाई सोरेन को उनके सरकारी आवास में हाउस अरेस्ट कर लिया गया. भाजपा ने इसकी तीव्र निंदा की है, तो कांग्रेस ने कहा है कि कार्यक्रम की आड़ में समाज और शहर में अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती. इससे पहले चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि नगड़ी में हल चलाने से रोकने के लिए रांची पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया है. आंदोलन सफल हुआ.
राकेश सिन्हा बोले- प्रदर्शन से जनता को होगी परेशानी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने रविवार को कहा कि अगर कार्यक्रम की आड़ में माहौल खराब करने की कोशिश की जाती है, तो स्वाभाविक तौर पर प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. बीजेपी के नेता अराजकता का माहौल उत्पन्न करना चाहते हैं, तो कार्रवाई इसीलिए भी जरूरी है, क्योंकि ऐसे प्रदर्शन से जनता को परेशानी होगी. जनता की परेशानी को दूर करना हमारी प्राथमिकता है. वोट चोरी कर सत्ता हथियाने वाली भाजपा को विकास के नाम पर पेट में दर्द हो रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता बोले- चंपाई सोरेन ने विकास को विनाश में बदलने का काम चुना
राकेश सिन्हा ने कहा कि दूसरी बार झारखंड में लगातार दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनने पर भाजपा के लोग फ्रस्ट्रेशन में आ गये हैं. खासकर चंपाई सोरेन. वह मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें विपक्ष का नेता भी नहीं चुना. न ही कोई जिमेदारी दी. इसलिए उनके पास कोई काम नहीं बचा, तो विकास को विनाश में बदलने का काम चुन लिया.
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नगड़ी के किसान कह रहे- खेतिहर जमीन पर ही RIMS-2 क्यों?
नगड़ी के किसानों का कहना है कि सरकार रिम्स-2 कहीं भी बना सकती है. खेतिहर जमीन पर ही रिम्स-2 बनाने के लिए सरकार क्यों अड़ी है. झारखंड में बहुत सी बेकार पड़ी जमीन है, जहां नया अस्पताल बन सकता है. चंपाई सोरेन बार-बार कह रहे हैं कि वे रिम्स-2 का विरोध नहीं कर रहे. खेतिहर जमीन का बिना अधिग्रहण किये उसकी घेराबंदी का विरोध कर रहे हैं.
चंपाई ने किया था- ‘हल चलाओ, रोपा रोपो’ का ऐलान
चंपाई सोरेन ने ऐलान किया था कि वह 24 अगस्त 2025 को नगड़ी के किसानों के साथ उनकी जमीन पर हल चलायेंगे. इस आंदोलन को ‘हल चलाओ, रोपा रोपो’ नाम दिया गया था. हालांकि, पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से नेता आंदोलन स्थल तक पहुंच ही नहीं पाये. गंगोत्री कुजूर और रामकुमार पाहन को आंदोलन स्थल पर पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया. सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गये हैं.
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