Red Ant Chutney : आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में विभिन्न प्रकार के परंपरागत व्यंजन बनायें जाते हैं. खास बात है कि इनमें अधिकतर व्यंजन स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक तत्वों से भी भरपूर होते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माने जाते है. आज हम आपको झारखंड में बनायें जाने वाले एक विशेष चटनी के बारे में बताने जा रहे हैं. ये चटनी धनिया, पुदीने या टमाटर से नहीं बल्कि लाल चींटियों और उसके अंडे से बनायी जाती है. इसे ‘लाल चींटियों की चटनी’ या ‘देमता’ के नाम से जाना जाता है.
औषधीय गुणों से भरपूर होती है लाल चींटियों की चटनी

झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लोग लाल चींटियों की चटनी खाना काफी पसंद करते हैं. प्रोटीन से भरपूर लाल चींटियों की चटनी खाने में बेहद स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर होती है. ठंड से बचाव और पाचन संबंधी समस्या के लिए मुख्य रूप से इसका सेवन किया जाता है. ठंड के मौसम में अधिकतर लोग इसे खाना पसंद करते हैं. इससे रोग प्रतोरोध क्षमता भी बढ़ती है. खाने में इस चटनी का स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है. लाल चींटियों की चटनी बनाने की विधि भी काफी सरल है.
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कैसे बनायें लाल चींटियों की चटनी

ठंड शुरू होते ही लाल चींटियां आमतौर पर साल और करंज के पेड़ों पर घर बना लेती है. अत्यधिक ठंड पड़ते ही चींटियां अपने घरों में आ जाती है. इसके बाद ग्रामीण पेड़ की टहनी तोड़कर एक साथ ढेर सारी चींटियां घर ले आते हैं. चींटियों को एक बड़े से बर्तन में जमा किया जाता है. इसके बाद नमक, मिर्च, अदरक और लहसुन के साथ इन चींटियों को सिलवट पर पीसा जाता है. कुछ देर तक चींटियों को पिसने के बाद एक मिश्रण तैयार हो जाता है. इस तरह लाल चींटियों की स्वादिष्ट चटनी बनकर तैयार है. झारखंड में अधिकतर लोग इस चटनी को साल के पत्ते पर खाना पसंद करते हैं.
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