प्रतिनिधि, पिपरवार.
रैयत विस्थापित मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा. ज्ञापन में सीसीएल व एनटीपीसी संचालन खनन क्षेत्रों में व्याप्त समस्याओं से अवगत कराया गया है. इसमें बताया गया है कि पिपरवार, एनके, मगध-संघमित्रा, आम्रपाली-चंद्रगुप्त, राजहारा, बरका-सयाल, जारंगडीह, ढोरी, केरेडारी, बड़कागांव के खनन क्षेत्रों से राज्य सरकार व भारत सरकार को करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होती है. लेकिन उक्त क्षेत्र के विस्थापित व प्रभावित मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. खनन क्षेत्रों के आसपास भारी वाहनों का परिचालन होता है. आम रास्ता नहीं होने की वजह से आम जनता व स्कूली बच्चों को आवागमन में परेशानी होती है. इसकी वजह से आये दिन होने वाले दुर्घटनाओं में लोग जान गंवाते रहते हैं. रैविमो ने बताया कि उक्त क्षेत्रों में उच्च शिक्षा व उत्तम चिकित्सा की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है. राज्यपाल से विस्थापितों को पुनर्वास, मुआवजा, नौकरी, बेरोजगारों को निजी कंपनियों में बहाली, एक करोड़ तक का ठेका-पट्टा उपलब्ध कराने की मांग की है. इसके अलावा उक्त खनन क्षेत्रों में फोरलेन सड़क का निर्माण, पॉलिटेक्निक व आईटीआई कॉलेज का निर्माण, पिपरवार महाविद्यालय कारो को सरकारी मान्यता प्रदान करने, खनन के बाद भूमि समतल कर रैयतों को सौंपने, सड़क दुर्घटना में मुआवजा नीति का निर्धारण व सीएसआर, डीएमएफटी, वेलफेयर कार्यों को और भी प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग की है. ज्ञापन सौंपने वालों में केंद्रीय उपाध्यक्ष इकबाल हुसैन, रामचंद्र उरांव, तस्दीक, असलम, पप्पू कुमार दास व शिवनारायण लोहरा शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

