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Ranchi News : जेल से धमकाने या फिरौती मांगने पर कड़ी सजा का प्रावधान

झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम, 2025 में किया गया है प्रावधान

विशेष संवाददाता, रांची. राज्य सरकार ने झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम 2025 लागू कर दिया है. अधिनियम में कैदियों के लिए सुरक्षित आवास व कल्याण का प्रावधान है, लेकिन जेल के अंदर गलत कार्य करने पर कड़ी सजा का भी प्रावधान किया गया है. जेल के अंदर से किसी बाहरी व्यक्ति को धमकाने या फिरौती मांगने का आरोप साबित होने पर सजा के तौर उसे सेलुलर जेल तक में डालने का प्रावधान किया गया है. बंदियों के इन कार्यों को कारागार अपराध घोषित किया गया है : कारा के नियम का उल्लंघन, किसी भी प्रकार का हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, अपमानजनक, धमकीपूर्ण या अभद्र भाषा का प्रयोग, अनैतिक, अभद्र या अव्यवस्थित व्यवहार, जानबूझकर खुद को श्रम से अक्षम करना और काम करने से इनकार करना, बिना उचित अनुमति के हथकड़ी या सलाखों को रगड़ना, काटना, बदलना या हटाना, कठोर कारावास की सजा प्राप्त किसी भी बंदी द्वारा काम में जानबूझकर आलस्य या लापरवाही बरतना, कठोर कारावास की सजा प्राप्त किसी भी बंदी द्वारा जानबूझकर कार्य का कुप्रबंधन करना, कारा या किसी सरकारी संपत्ति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना, अभिलेखों या दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करना या उन्हें खराब करना, किसी भी निषिद्ध वस्तु या प्रतिबंधित सामान की तस्करी, प्राप्ति, कब्जा या हस्तांतरण, बीमारी का बहाना करना, साथी बंदियों को यातना देकर या धमकी देकर उनसे बलपूर्वक फिरौती मांगना, साथी बंदियों के प्रति यौन रुझान या उत्पीड़न, किसी कारा अधिकारी या बंदी के विरुद्ध जानबूझकर झूठा आरोप लगाना, तलाशी लेने से इंकार करना, किसी बंदी या कारा अधिकारी पर आगजनी, साजिश या षडयंत्र, भागना या भागने का प्रयास या तैयारी तथा हमले या हमले की तैयारी की घटना की जानकारी मिलते ही रिपोर्ट करने से इंकार करना या छोड़ देना, जेल से भागने का षडयंत्र करना या सहायता करना, कारा से अनधिकृत संवाद के माध्यम से बाहरी लोगों से अनधिकृत संवाद करना या किसी बाहरी व्यक्ति को धमकाना या फिरौती मांगना, कारा सॉफ्टवेयर डेटा, वेब पोर्टल, कनेक्टिविटी और हार्डवेयर से संबंधित साइबर अपराध करना, ऐसा कोई भी कार्य जिसे सरकार कारा अपराध के रूप में वर्गीकृत कर सकती है. कारा अपराधों की जांच और अपराधों के लिए दंड का निर्धारण : अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि जेल अधीक्षक नियमों के अनुसार बंदी (बंदियों) द्वारा किये गये कारा अपराध की जांच करेंगे और यदि भारतीय न्याय संहिता 2023 और अन्य आपराधिक कानूनों में उल्लेखित अपराधों को छोड़कर सूचीबद्ध किये गये कार्यों या चूक द्वारा कारा अपराध करने का दोषी पाया जाता है, तो वे दंड के भागीदार होंगे.

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