रांची. मोरहाबादी स्थित मिशनरीज ऑफ जीसस दी इटरनल प्रीस्ट धर्मसंघ की पांच धर्मबहनों ने रविवार को प्रथम व्रत धारण किया. रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप विंसेंट आइंद ने व्रत धारण की धर्मविधि संपन्न की. जिन्होंने प्रथम व्रत धारण किया उनमें सिस्टर मरिया अंजली कुजूर, सिस्टर मरिया क्लारा एक्का, सिस्टर मरिया एलिमा मिंज, सिस्टर मरिया नीलू तिग्गा एवं सिस्टर मरिया संध्या भुइयां शामिल हैं. आर्चबिशप ने मिस्सा बलिदान के दौरान अपने संदेश में कहा कि यीशु के समान ही क्षमा का गुण अपना कर आशा के तीर्थ यात्री बनें. किसी की गलती के लिए उनके जीवन को कठिन न बनायें बल्कि उन्हें क्षमा कर उनके जीवन को नवीन करने का अवसर प्रदान करें. उपदेश के बाद व्रत धारण की धर्मविधि आरंभ हुई. धर्मबहनों ने ब्रह्मचर्य, आज्ञापालन एवं निर्धनता का व्रत धारण किया. इस दौरान पांचों धर्मबहनों को सिर ढकने का वेल, क्रूस एवं धर्मसंघ की नियमावली सौंपी गयी. मिस्सा के अंत में आर्चबिशप ने सभी व्रत धारण करने वाली धर्मबहनों को बधाई और आशीष दी. उन्होंने व्रत धारण करने वाली धर्मबहनों के माता-पिता को उनके त्याग के लिए धन्यवाद दिया. समारोह में बरियातू के पल्ली पुरोहित फादर हेमलेट, फादर अलेक्स, सिस्टर मेरी चेल्ली, फादर असीम मिंज सहित अन्य पुरोहित व धर्मबहनें शामिल हुईं.
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