शराब घोटाले में आरोपी विनय कुमार सिंह के रांची, गुमला व हजारीबाग के शोरूम के मामले में नहीं मिली राहत
: सील किये जाने के खिलाफ दायर तीन रिट याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया
रांची. शराब घोटाला मामले में आरोपी ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह के रांची, गुमला व हजारीबाग स्थित शोरूम अब नहीं खुलेंगे. शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने शोरूम व वर्कशॉप को एसीबी द्वारा सील किये जाने के खिलाफ दायर तीन रिट याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया. अदालत ने याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मेंटनेबल नहीं है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ये मामला दीवानी (सिविल) नहीं, बल्कि फौजदारी (क्रिमिनल) रिट याचिका का है तथा रोस्टर के अनुसार इस पर सुनवाई करना इस बेंच के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. अदालत ने पूर्व में दो याचिकाओं में पारित अंतरिम आदेश, जिसमें एसीबी को शोरूम का सील हटाने का निर्देश दिया गया था, को भी रद्द कर दिया है. हालांकि प्रार्थी अब उचित बेंच (क्रिमिनल ज्यूरिस्डिक्शन) के समक्ष फौजदारी रिट याचिका दायर कर सकते हैं. अदालत ने 14 अक्तूबर को याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले मामले की सुनवाई के दाैरान एसीबी के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया (इस केस के लिए विजिलेंस कैबिनेट द्वारा नियुक्त अधिवक्ता) ने शोरूम व वर्कशॉप को खोले जाने का विरोध किया. उन्होंने अदालत को बताया कि ऐसा करने से कई साक्षय प्रभावित हो जायेंगे. मामले में अभी अनुसंधान चल रहा है. मामले में आपराधिक रिट दायर करनी चाहिए थी, लेकिन प्रार्थी ने सिविल रिट दायर किया है, जो सुनवाई योग्य नहीं है. श्री गाड़ोदिया ने याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया. वहीं प्रार्थी ने एसीबी की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि बीएनएसएस की धारा 106 के तहत पुलिस या एसीबी के पास अचल संपत्ति को सील करने का अधिकार नहीं है. व्यवसाय करने के मौलिक अधिकार व संपत्ति के संवैधानिक अधिकार का हनन बताया.
उल्लेखनीय है कि एसीबी रांची थाना में दर्ज कांड संख्या-09/2025 की जांच के दौरान 28 व 29 सितंबर को एसीबी ने नेक्सजेन महिंद्रा सेल्स एंड सर्विस सेंटर हजारीबाग, एसएस मोटोजेन प्रालि रांची तथा मेसर्स नेक्सजेन सॉल्यूशंस टेक्नोलॉजीज प्रालि के शोरूम और वर्कशॉप को अस्थायी रूप से सील कर दिया था. इन कंपनियों के एक निदेशक बिनय कुमार सिंह पर जाली बैंक गारंटी के जरिये ठेका लेने का आरोप है. हालांकि प्रारंभिक एफआइआर में उनका नाम शामिल नहीं था. एसीबी द्वारा शोरूम व वर्कशॉप को सील करने को चुनाैती दी गयी थी.
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