खलारी. खलारी प्रखंड क्षेत्र में पिछले माह मॉनसून की बारिश के साथ हीं धान के बिचड़े की बुआई शुरू हो गयी थी. ऐसे में 2866 हेक्टेयर खेतों में इस वर्ष धान की बुआई करने का लक्ष्य में से अब तक 80 प्रतिशत धान रोपनी हो चुकी है. क्षेत्र के लगभग खेत धान की हरियाली से पट चुके हैं. वहीं वैकल्पिक खेती मक्का में 257 हेक्टेयर खेत में लगाने का लक्ष्य में मात्र 30 प्रतिशत से कम मक्का लग पाया है. जानकार किसानों का कहना कि लगातार बारिश से मक्का की फसल खेतों में कम लगायी जा सकी और इस कारण ज्यादातर खेत परती रह गये. जबकि कुछ किसान मक्का लागये, तो अत्यधिक बारिश ने उनकी फसल को बर्बाद कर दिया. वहीं लगातार वर्षा होने से वैकल्पिक खेती मक्का के साथ उरद, अरहर और सब्जी की फसल को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि खरीफ फसल में मुख्य फसल धान की रोपनी में लाभ हुआ है. तुमांग पंचायत ग्राम करकट्टा के किसान किशुन मुंडा ने बताया कि पिछले वर्ष के अनुपात इस वर्ष मॉनसून समय से पहले और ज्यादा वर्षा होने से बहुत किसान मक्के नहीं लगा पाये. जबकि कुछ किसान लगाये भी तो आधा से ज्यादा फसल नष्ट हो गयी. उन्होंने बताया कि सफल धान रोपनी से किसानों के चेहरों में छाई मायूसी थोड़ा अवश्य कम हो गयी है.
बॉक्स ::::जल्द शत-प्रतिशत होगी धान रोपनी : विकास तिर्की
प्रखंड तकनीकी प्रबंधक विकास तिर्की ने बताया कि खलारी प्रखंड की बमने पंचायत में 85 प्रतिशत, चुरी दक्षिणी पंचायत में 90 प्रतिशत, हुटाप पंचायत में 81 प्रतिशत, खलारी पंचायत में 86 प्रतिशत, तुमांग पंचायत में 85 प्रतिशत, लपरा पंचायत में 87 प्रतिशत एवं मायापुर पंचायत में 84 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है. जो कि कुल मिलाकर धान की रोपनी लगभग 80 से 90 प्रतिशत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जल्द ही शतप्रतिशत धन रोपनी हो जायेगी.257 हेक्टेयर लक्ष्य का मात्र 30 फीसदी लगी है मक्का की
फसल
वैकल्पिक खेती मक्का के साथ उरद, अरहर और सब्जी की फसल को नुकसान
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

