रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने बार संचालन के लिए जारी होनेवाली लाइसेंस नियमावली को चुनौती देनेवाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद राज्य सरकार को दो सप्ताह के अंदर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए छह मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार ने खंडपीठ को बताया कि एजी कडरू में मंदिर की चहारदीवारी से सटा कर बार का संचालन किया जा रहा है. इसे सरकार ने लाइसेंस दिया है. मंदिर, स्कूल, अस्पताल आदि के 50 मीटर तक (शहर में) व ग्रामीण क्षेत्र में 100 मीटर तक शराब दुकान खोलने पर प्रतिबंध है, लेकिन बार का लाइसेंस देने में ऐसी कोई शर्त नहीं है. बार संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है. मंदिर, स्कूल, अस्पताल के पास शराब पीने का लाइसेंस मिल सकता है. यह नियमावली गलत व असंवैधानिक है. बार के संचालन के लिए भी लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए. इस नियमावली को निरस्त करने का आग्रह किया गया. वहीं राज्य सरकार की ओर से प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अनुराग कुमार ने जनहित याचिका दायर कर बार संचालन नियमावली को चुनाैती दी है.
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एजी कडरू में मंदिर से सटा कर बार का संचालन, नियमावली को चुनाैती
झारखंड हाइकोर्ट ने बार संचालन के लिए जारी होनेवाली लाइसेंस नियमावली को चुनौती देनेवाली जनहित याचिका पर सुनवाई की
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