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बीएयू में एक माह के मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

बिरसा कृषि विवि अंतर्गत पशुचिकित्सा महाविद्यालय में भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत ग्रामीण भारत के बहुउद्देशीय कृत्रिम गर्भाधान टेक्नीशियन (मैत्री) का एक माह का प्रशिक्षण सोमवार को संपन्न हो गया. इस 15वें बैच का प्रशिक्षण 27 मार्च को प्रारंभ हुआ था, जिसमें आठ जिलों के ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया.

रांची. बिरसा कृषि विवि अंतर्गत पशुचिकित्सा महाविद्यालय में भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत ग्रामीण भारत के बहुउद्देशीय कृत्रिम गर्भाधान टेक्नीशियन (मैत्री) का एक माह का प्रशिक्षण सोमवार को संपन्न हो गया. इस 15वें बैच का प्रशिक्षण 27 मार्च को प्रारंभ हुआ था, जिसमें आठ जिलों के ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया. इस अवसर पर पशुचिकित्सा संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद तथा डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज के एसोसिएट डीन डॉ आलोक कुमार पांडेय ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया. इस अवसर पर प्राध्यापक डॉ अमित कुमार झा तथा डॉ पंकज कुमार भी उपस्थित थे. प्रशिक्षण कार्यक्रम में रांची, बोकारो, गढ़वा, जामताड़ा, गुमला, पाकुड़, गिरिडीह और चतरा जिले के कुल 37 लोगों ने भाग लिया. प्रशिक्षण प्रभारी डॉ आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि अब तक झारखंड के लगभग 500 युवाओं को मैत्री प्रशिक्षण दिया जा चुका है. डॉ पांडेय ने बताया कि पशु चिकित्सा महाविद्यालय में एक माह का प्रशिक्षण लेने के बाद ये ग्रामीण युवा अपने संबंधित जिलों में दो महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं. सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र तथा कृत्रिम गर्भाधान उपकरण नि:शुल्क प्रदान किया जाता है. उसके बाद ये प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान के कार्य में लग जाते हैं. जिसके लिए इन्हें मानदेय दिया जाता है. इसके अलावा ये दुधारू पशुओं की डीवर्मिंग, टीकाकरण एवं प्राथमिक चिकित्सा भी करते हैं.

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