रांची . गोस्सनर इवेंजिलकल लूथरन चर्च इन छोटानागपुर एंड असम (जीइएल चर्च) के अधिकारियों ने कहा है कि उसकी भू-संपत्ति पर नॉर्थ वेस्टर्न जीइएल चर्च सोसायटी (एनडब्ल्यूजीइएल सोसायटी) का दावा कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जीइएल चर्च के मॉडरेटर बिशप मार्शल केरकेट्टा, डिप्टी मॉडरेटर बिशप एम बिलुंग, महासचिव ईश्वर दत्त कंडुलना, वित्त सचिव अटल इराद खेस ने एचआरडीसी सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एनडब्ल्यूजीइएल चर्च सोसायटी की ओर से सिविल कोर्ट में वाद संख्या 285/ 1986 दायर किया गया था. एनडब्ल्यूजीइएल चर्च की ओर से उपरोक्त वाद में जीइएल चर्च परिसर के रांची स्थित 121 एकड़ भू-संपत्ति पर अपना दावा किया गया था. एनडब्ल्यूजीइएल चर्च सोसायटी की ओर से यह दावा इस आधार पर किया गया था कि 1850 में उरांव समुदाय के चार लोगों जिनमें नवीन डोमन, केशो भगत, बंधु उरांव और घूरन उरांव ने पहला व्यस्क बपतिस्मा लिया था और वे हमारे पूर्वज हैं. एनडब्ल्यूजीइएल चर्च सोसायटी द्वारा चर्च की संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व के दावा को राजकुमार पांडे सिविल जज (सीनियर डिवीजन) 11 की अदालत ने सुनवाई के बाद 29 नवंबर 2024 को खारिज कर दिया. जीइएल चर्च के महासचिव ईश्वर दत्त कंडुलना ने कहा कि इस मामले में हमें अब जाकर अपना पक्ष रखना पड़ रहा है, क्योंकि कोर्ट के फैसले के बाद भी एनडब्ल्यूजीइएल चर्च द्वारा हमारे चर्च की भू-संपत्ति के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा था. इस वजह से लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन रही थी. महासचिव ईश्वर दत्त कंडुलना ने कहा कि एनडब्ल्यूजीइएल चर्च का अस्तित्व ही 1977 के बाद आया है. अब कोर्ट के फैसले के बाद हम कहना चाहते हैं कि एनडब्ल्यूजीइएल के लोगों के लिए हमारे दरवाजे अभी भी खुले हैं और वे आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे. संवाददाता सम्मेलन में सेंट्रल बोर्ड ऑफ प्रॉपर्टी के सचिव सुलेमान कंडुलना, चर्च के कानूनी सलाहकार सहित अन्य उपस्थित थे.
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