28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

My Mati: लोकप्रिय जननेता थे बिनोद बिहारी महतो

झारखंड क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय जननेता के रूप में याद किये जाते हैं. यह लोकप्रियता उन्हें यूं ही हासिल नहीं हो पायी. गांव-कस्बे में जाकर बेसहारों के सहारा के रूप में खड़े हुए. उन्हें संगठित किया. सरकार से लड़कर विस्थापितों को उनका हक दिलाने और अपने कुड़मी समाज के बीच व्याप्त कुरीतियों को दूर किया.

My Mati: बिनोद बिहारी महतो झारखंड क्षेत्र में परिचय के मोहताज नहीं हैं. झारखंड ही नहीं, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में भी वह लोकप्रिय रहे. उनकी यह पहचान एक अच्छे अधिवक्ता रहने, टुंडी में दो बार और सिंदरी से एक बार विधायक बनने और गिरिडीह से एक बार सांसद बनने से नहीं, बल्कि उत्पीड़ित समाज को संगठित करने, उन्हें सम्मान दिलाने, दर्जनों शैक्षणिक संस्थान खोलने, सरकार से लड़कर विस्थापितों को उनका हक दिलाने और अपने कुड़मी समाज के बीच व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए है.

सबसे लोकप्रिय जननेता के रूप में याद किये जाते हैं

झारखंड क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय जननेता के रूप में याद किये जाते हैं. यह लोकप्रियता उन्हें यूं ही हासिल नहीं हो पायी. गांव-कस्बे में जाकर बेसहारों के सहारा के रूप में खड़े हुए. उन्हें संगठित किया. गांवों में समाज के गैरउत्पादक वर्ग तो औद्योगिक क्षेत्र में मालिक व झारखंड अलग राज्य के विरोधियों के वह दुश्मन बने रहे. उस वर्ग ने कभी बिनोद बाबू को स्वीकार नहीं किया, बराबर उनके सम्मान में हानि पहुंचायी. राजनीतिक-सामाजिक रूप में उन्हें कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन आज जब राज्य अलग हो गया है तो स्थितियां बदली है. भारत के स्वाधीन होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह दलितों के मसीहा भीम राव आंबेडकर की ‘पूजा’दलितों के अलावा वे भी करने लगे हैं, जो कभी उनके घोर आलोचक हुआ करते थे. अलग झारखंड राज्य में वही स्थिति बिनोद बाबू की है.

बिनोद बाबू एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे

जिस दल या संगठन ने कभी बिनोद बाबू के विचारों को उनके रहते नहीं आत्मसात नहीं किया, उनकी नहीं सुनी, वैसे दल या संगठनों के लिए भी आज बिनोद बाबू ‘पूजनीय’ हैं. यह इसलिए कि उनके समाजवादी-साम्यवादी विचारों के कट्टर आलोचक भी समझने लगे हैं कि बिनोद बाबू एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे. इसी का परिणाम है बिनोद बिहारी महतो के नाम पर विश्वविद्यालय का निर्माण और यहां की भाषा-संस्कृति का सम्मान. बेजुबानों की आवाज बन कर समाज के अंतिम पायदान पर रहे लोगों को संगठित करने, उनके बीच ‘पढ़ो और लड़ो’का मंत्र देकर शिक्षित बनने और संघर्ष के लिए प्रेरित करने के कारण आम लोगों में वह झारखंड के आंबेडकर है़ं जिस धनबाद जिला में उन्होंने जन्म लिया, यहां कई ऐसे नेता हुए जो बिनोद बाबू से अधिक बार विधायक या सांसद बने, लेकिन पीड़ित-शोषित जनता के बीच उन्होंने जो जगह बनायी, वह अद्वितीय है.

क्रांतिकारी विचारों से थे लैस, कभी नहीं किया सिद्धांतों से समझौता

पढ़ने के साथ लड़ने की प्रेरणा देने वाले बिनोद बिहारी महतो मौलिक रूप से वामपंथी विचारधारा मानने वाले व्यक्ति थे. माकपा से राजनीति शुरू की. 1971 में धनबाद लोकसभा क्षेत्र से माकपा के टिकट पर चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे. इसके बाद उन्होंने कभी हार नहीं मानी. आजीवन चुनाव लड़ते रहे. लेकिन वाम दलों से कभी भी दिल नहीं टूटा. इसी दौरान सिंदरी में प्रख्यात वामपंथी चिंतक एके राय का उदय हुआ. विचारधारा समान रहने के कारण दोनों की दोस्ती बढ़ी. एके राय की मार्क्सवादी समन्वय समिति और झामुमो में कोई फर्क नहीं था. लाल-हरा मैत्री ने माफिया मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया. लोगों की आवाज बन मासस व झामुमो अभरा. समयांतर में एके राय और शिबू सोरेन में मतांतर हुआ. झामुमो मासस से अलग हो गया. तीर-धनुष चुनाव चिह्न झामुमो को दे दिया गया. लेकिन बिनोद बिहारी महतो ने लाल झंडा से कभी दोस्ती नहीं तोड़ी. यह अलग बात है कि उनके एके राय व वाम जनवादी विचारों से अटूट प्रेम के कारण झामुमो टूट गया. झामुमो बिनोद गुट का गठन किया गया. बिनोद बाबू अध्यक्ष बने.

एक अधिवक्ता के रूप में विस्थापितों को दिलाया उनका हक

बलियापुर के बड़ादहा गांव में एक साधारण किसान महेंद्रनाथ महतो व मंदाकिनी देवी के घर में 23 सितंबर 1923 को जन्म लेने वाले बिनोद बाबू ने जमीन मामले के एक अधिवक्ता के रूप में धनबाद और चास कोर्ट में प्रैक्टिस भी की.

कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण हो चुका था. धनबाद गिरिडीह में बीसीसीएल, सीसीएल में स्थानीय रैयतों की जमीन ली थी. वहीं डीवीसी, बीएसएल, सेल, टाटा कंपनी ने भी विस्थापितों से जमीन लेकर कौड़ी के भाव में मुआवजा दिया. बिनोद बाबू ने वैसे हजारों रैयतों के मुकदमे लड़े और जमीन मालिकों को उनका वास्तविक मुआवजा दिलाया और नौकरी भी दिलायी.

रिपोर्ट: नारायण चंद्र मंडल, धनबाद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें