रांची. रांची तंत्रिका मनोचिकित्सा शिक्षा एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (रिनपास) का तीन दिवसीय शताब्दी वर्ष स्थापना समारोह शनिवार को सम्पन्न हो गया. इस दौरान एसोसिएशन फॉर साइकाइट्रिक सोशल वर्क प्रोफेशनल्स (एपीएसडब्ल्यूपी) का दूसरा वार्षिक सम्मेलन हुआ. मौके पर मुख्य अतिथि सीआइपी के निदेशक डॉ वीके चौधरी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र मानव समाज की संवेदना से गहराई से जुड़ा है. मनोसामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका काफी अहम है. इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों से निकलकर जमीनी स्तर पर समाज में जाकर तथा उनसे जुड़कर कार्य करना होगा. तभी व्यापक बदलाव सम्भव है. मनोसामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी मानसिक स्वास्थ्य की नीतियों में बढ़ानी होगी. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ इ अरविंद राज, कोषाध्यक्ष डॉ रंजीत आर पिल्लैइ, सचिव डॉ दीपांजन भट्टाचार्जी, आयोजन सचिव डॉ मनीषा किरण ने देश-विदेश से आये सभी 250 प्रतिभागियों, साइंटिफिक पेपर प्रेजेंटेशन की सराहना की तथा रिनपास निदेशक डॉ अमूल रंजन सिंह का इस भव्य आयोजन में सहयोग के लिए आभार जताया. इस अवसर पर कई साइंटिफिक पेपर प्रस्तुत किये गये. मफिल अवॉर्ड वर्ग में श्रीलक्ष्मी एस लाल व पीएचडी वर्ग में डॉ देवाहूति गोगोई को पुरस्कार दिया गया. वहीं आरएस भट्टी अवॉर्ड सुष्मिता केरकेट्टा, डॉ पार्थसारथी अवॉर्ड पी अशोक कुमार, पोस्टर प्रजेंटेशन में अभिसिकता एस नायर, अरुण, एम ग्लोरी कुमारी और रुपा, बिहेवियरल साइंस अवॉर्ड डॉ मोहित सिंह और सांतना पांडा को मिला. बेस्ट प्रैक्टिशनर अवॉर्ड डॉ अताउल्लाह को दिया गया.
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