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कोरोना का कहर : मास्क की कालाबाजारी, डेढ़ से तीन रुपये में बिकनेवाले मास्क बेचे जा रहे हैं 30 से 50 में

कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों मास्क की मांग बढ़ गयी है. मांग बढ़ने से इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गयी है. सर्जिकल होलसेलर व खुदरा विक्रेता इसका पूरा लाभ उठा रहे हैं. दुकानदार 1.50 से दो रुपये में बिकने वाले टू लेयर मास्क को 15 से 20 रुपये में व दो से तीन रुपये में बिकने वाले थ्री लेयर मास्क को 30 से 50 रुपये में बेच रहे हैं.

राजीव पांडेय, रांची : कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों मास्क की मांग बढ़ गयी है. मांग बढ़ने से इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गयी है. सर्जिकल होलसेलर व खुदरा विक्रेता इसका पूरा लाभ उठा रहे हैं. दुकानदार 1.50 से दो रुपये में बिकने वाले टू लेयर मास्क को 15 से 20 रुपये में व दो से तीन रुपये में बिकने वाले थ्री लेयर मास्क को 30 से 50 रुपये में बेच रहे हैं. मास्क पर एमआरपी लिखा नहीं होता है. इसका लाभ उठाते हुए दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. इधर, इस मामले में राज्य औषधि निदेशालय सुस्त पड़ा हुआ है. आैषधि निरीक्षक वर्तमान स्थिति पर नजर नहीं रख रहे हैं.

इस कारण दुकानदार इसका फायदा उठा रहे हैं. राजधानी के एक होलसेलर व खुदरा दवा व्यापारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कोरोना वायरस के कारण मास्क की डिमांड बढ़ गयी है. अधिकांश कारोबारी इसका लाभ उठाकर कमाने में लगे हैं. ज्यादा कीमत पर मास्क की बिक्री हो रही है. कोई दवा दुकानदार 15 रुपये में, तो कोई 20 रुपये में मास्क बेच रहे हैं. कहीं-कहीं 50 रुपये तक में भी मास्क बिक रहे हैं.

मास्क का ऐसे चल रहा है कारोबार

मास्क वास्तविक कीमत बेचे जा रहे हैं

टू लेयर मास्क 1.50 से दो रुपये 15 से 20 रुपये

थ्री लेयर मास्क दो से तीन रुपये 30 से 50 रुपये

एन-95 मास्क 60 से 175 रुपये 300 से 500 रुपये

मास्क को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में किया गया शामिल : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते बाजार में मास्क व सेनिटाइजर की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए केंद्र सरकार ने उक्त दोनों वस्तुओं को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में शामिल कर दिया है. इसमें टू व थ्री लेयर के मास्क व एन-95 मास्क को शामिल किया गया है. इसे 30 जून 2020 तक आवश्यक वस्तु के रूप में माना गया है.

उल्लंघन करने पर सात साल सजा का है प्रावधान : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को विश्वव्यापी महामारी घोषित किया है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क व हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. ऐसे में केंद्र सरकार ने इन वस्तुआें को वस्तु अधिनियम में शामिल किया है. इसका उल्लंघन करने वालों को सात साल कारावास की सजा का प्रावधान है. जुर्माना भी देना पड़ सकता है.

मास्क व सेनिटाइजर की उपलब्धता व उसकी बिक्री पर हमारी नजर है. मास्क ड्रग नहीं है. इसलिए यहं ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में नहीं आता है.

रितु सहाय, ड्रग कंट्रोलर

60 से 175 रुपये में बिकने वाला एन-95 मास्क मिल रहा 500 रुपये में : कोरोना वायरस को लेकर एन-95 मास्क ज्यादा सुरक्षित है. राजधानी में इसकी सबसे ज्यादा डिमांड है. जनवरी से पहले एन-95 मास्क को लाेग पूछते तक नहीं थे. फिलहाल इसका स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है. एन-95 मास्क की वास्तविक कीमत 60 से 175 रुपये है, जिसे दुकानदार 300 से 500 रुपये में बेच रहे हैं.

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