22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Lightning Strike Havoc: झारखंड में थम नहीं रहा आसमानी बिजली का कहर, पांच साल में वज्रपात से 1700 लोगों की मौत

Lightning Strike Havoc: झारखंड में आसमानी बिजली का कहर थम नहीं रहा है. मानसून और प्री मानसून के दौरान होनेवाले वज्रपात से काफी लोगों की जान चली जा रही है. पिछले पांच वर्ष में ही अब तक करीब 1700 लोगों की मौत हो गयी है. इस वर्ष अब तक करीब 190 लोगों की मौत वज्रपात से हो गयी है. झारखंड वज्रपात से होने वाली मौत के मामले में सबसे संवेदनशील राज्यों में है.

Lightning Strike Havoc: रांची, मनोज सिंह-झारखंड को आसमानी बिजली के कहर से राहत नहीं मिल रही है. मानसून और प्री मानसून के दौरान होनेवाले वज्रपात से बड़ी संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं. इस वर्ष अब तक करीब 190 लोगों की मौत वज्रपात गिरने से हो गयी है. हाल में राजधानी रांची में ही स्कूल जाती हुई तीन बच्चियां वज्रपात की चपेट में आ गयी थीं. झारखंड वज्रपात से होने वाली मौत के मामले में सबसे संवेदनशील राज्यों में है. इससे पिछले पांच वर्ष में ही अब तक करीब 1700 लोगों की मौत हो गयी है. वैसे पिछले पांच साल की तुलना में देखें, तो इस वर्ष मौत का आंकड़ा कुछ कम है.

गुमला में वज्रपात से हुई सर्वाधिक मौत


पूरे राज्य में इस वर्ष गुमला जिले में वज्रपात से सबसे अधिक मौत हुई है. यहां करीब 35 मौत वज्रपात से हो चुकी है. इसके अतिरिक्त इस वर्ष हजारीबाग जिले में भी 17 लोगों की मौत वज्रपात से हुई है. रांची जिले में 14 लोगों की मौत अब तक वज्रपात से हो गयी है. राज्य का एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां वज्रपात से मौत नहीं हुई है.

कई समुदाय के लोग नहीं कराते हैं पोस्टमार्टम


खत्म हुए मॉनसून सत्र के दौरान अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर विशेष चर्चा हुई थी. इसमें विधायक मथुरा महतो ने कहा था कि आदिवासी समुदाय के लोग वज्रपात से होनेवाली मौत पर पोस्टमार्टम नहीं कराते हैं. इससे उनके परिजनों को मुआवजा मिलने में परेशानी होती है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने भी कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. राज्य में आपदा से मरने वाले लोगों के आश्रितों को चार लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान है. घायलों को दो लाख रुपये तक मुआवजा दिया जाता है. घर का नुकसान होने पर 2100 से लेकर 95 हजार रुपये तक के मुआवजा का प्रावधान किया गया है. मवेशियों की मौत पर तीन हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक मुआवजे का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें: पटना की वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ होंगे हेमंत सोरेन

किस जिले में कितनी मौत


जिला – मौत
रांची – 14
खूंटी -02
लोहरदगा – 06
गुमला – 35
सिमडेगा – 03
लातेहार – 09
पलामू – 18
गढ़वा – 10
प सिंहभूम- 12
सरायकेला-खरसांवा – 03
पू सिंहभूम – 07
दुमका – 06
जामताड़ा- 07
साहिबगंज – 01
पाकुड़- 04
गोड्डा – 03
देवघर – 03
हजारीबाग – 17
रामगढ़ – 02
चतरा – 05
कोडरमा – 09
गिरिडीह – 05
धनबाद – 01
बोकारो – 09

निकाले गए थे जागरूकता रथ-आपदा प्रबंधन सचिव


आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि वज्रपात झारखंड के लिए एक बड़ी आपदा है. इसे रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से प्रयास कर रही है. इस वर्ष कई जिलों में जागरूकता रथ निकाला गया था. विभाग वज्रपात से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले स्थान को चिह्नित करा रहा है. जिससे वहां के लिए विशेष तैयारी हो सकेगी. अभी कई जिलों में आपदा के संकेत मिलने पर लोगों को सतर्क करने का प्रयास हो रहा है. कई ऐप हैं, जिसका उपयोग कर लोग इस आपदा से बच सकते हैं.
नुकसान से बचने के लिए विशेष योजना की जरूरत-विशेषज्ञ
विशेषज्ञ कर्नल संजय श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड में वज्रपात से होने वाले जानमाल के नुकसान से बचने के लिए विशेष योजना की जरूरत है. इसके लिए कई बार प्रयास हुए हैं. इस पर विशेष काम नहीं हो पाया. कई जिलों में आपदा प्रबंधन की ठोस टीम नहीं है. इसको मजबूत करने की जरूरत है.

कब कितने लोगों की हुई मौत


वर्ष – मौत
2020-336
2021-283
2022-296
2023-303
2024-322
2025-190 (अब तक)

ये भी पढ़ें: Durga Puja Pandal 2025: धनबाद का यह पूजा पंडाल होगा खास, वडोदरा के प्रसिद्ध लक्ष्मी विलास पैलेस में विराजेंगी मां दुर्गा

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel