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सांप्रदायिक-कॉरपोरेट गठजोड़ के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे वाम दल, बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की बनी रणनीति

कन्वेंशन में यह तय किया गया कि वामदल जनता के मुद्दों पर तीखा और निर्णायक संघर्ष चलाएंगे. कन्वेंशन की अध्यक्षता सात वामदलों के अध्यक्ष मंडली ने की. इनमें राजेंद्र यादव, सुरजीत सिन्हा, अनीता देवी, मोफिज साहिल, राजेन्द्र गोप, गणेश दीवान और सुमित राय शामिल थे.

रांची: वामदलों ने सांप्रदायिक-कॉरपोरेट गठजोड़ के फासीवादी खतरे के खिलाफ अपने संघर्ष को और धारदार बनाने की घोषणा करते हुए झारखंड के जन मुद्दों पर राज्यव्यापी आंदोलन किए जाने की घोषणा की है. कन्वेंशन द्वारा वामदलों के नेतृत्व में भविष्य के कार्यक्रम के अन्तर्गत जून महीने में जिला स्तरीय संयुक्त कन्वेंशन आयोजित करने, जुलाई-अगस्त महीने में जनमुद्दों पर सभी प्रखंडों पर प्रदर्शन किए जाने, सितम्बर माह में तीन जत्था निकाल कर राज्यव्यापी अभियान चलाने और इस वर्ष के अंत में राजधानी रांची में वामदलों की एक बड़ी गोलबंदी किए जाने की घोषणा की गयी. पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि देश में सांप्रदायिक घटनाएं लगातार घट रही हैं. सांप्रदायिक राजनीतिक ध्रुवीकरण कर भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर काबिज हुई है और आगे भी एजेंडा बरकरार है. इसीलिए देश में वैसे फासिस्ट पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए वाम दलों को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है. उन्होंने कहा इसमें अदाणी-अंबानी के इशारे पर केंद्र की सरकार चल रही है. राज्य के ऑफिसर बेलगाम हो चुके हैं.

कन्वेंशन में यह तय किया गया कि वामदल जनता के मुद्दों पर तीखा और निर्णायक संघर्ष चलाएंगे. कन्वेंशन का आधार पत्र माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने रखा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि राज्य में भाजपा और झामुमो के राजनीतिक विकल्प के लिए संघर्ष करना जरूरी है. भाजपा और झामुमो दोनों ने झारखंड को ठगा है. आधार पत्र में इस बात को रेखांकित किया गया कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष और देशभक्त शक्तियों को एकजुट किए जाने के लिए वामदलों द्वारा हर संभव कोशिश की जाएगी ताकि राष्ट् विरोधी आरएसएस-भाजपा की साजिश को परास्त किया जा सके.

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कन्वेंशन की अध्यक्षता सात वामदलों के अध्यक्ष मंडली ने की. इनमें राजेंद्र यादव, सुरजीत सिन्हा, अनीता देवी, मोफिज साहिल, राजेन्द्र गोप, गणेश दीवान और सुमित राय शामिल थे. कन्वेंशन को आरएसपी के अखिल भारतीय महासचिव मनोज भट्टाचार्य, सीपीआई के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, माले के विधायक विनोद सिंह, भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, माले के राज्य सचिव मनोज भक्त, पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद, फारवर्ड ब्लॉक के अरुण मंडल, माकपा के सुखनाथ लोहरा, समीर दास, संजय पासवान, सीपीआई के पीके पांडे, केडी सिंह, अजय सिंह, फरजाना फारुकी, मासस के सुशांत मुखर्जी, आरडी मांझी और माले के भुवनेश्वर केवट समेत विभिन्न वामदलों के नेताओं ने संबोधित किया.

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कन्वेंशन द्वारा खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सब्सिडी के तहत मिलने वाले अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने, मनरेगा को खत्म करने की साजिश बंद करने, वन अधिकार कानून में कॉरपोरेट परस्त संशोधन निरस्त किए जाने, विस्थापन आयोग का गठन करने और झारखंड के गौरव एचईसी को संरक्षण दिए जाने से संबधित प्रस्ताव पारित किया गया. कन्वेंशन मे जनार्दन प्रसाद द्वारा पेश किए गए एक विशेष प्रस्ताव में जिसमें महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपियों की गिरफ्तारी, मणिपुर में एथनिक टकराव रोकने, अदाणी द्वारा राष्ट्रीय संपदा की लूट को रोकने, झारखंड में भृष्ट नौकरशाहों पर लगाम लगाने, भूमि की लूट रोकने, नियोजन नीति बनाने, बढ़ती महंगाई के अनुकूल न्यूनतम मजदूरी तय करने और मॉब लिंचिंग के शिकार हुए परिवारों को उचित मुआवजा दिए जाने तथा झारखंड के लंबित मॉब लिंचिंग अधिनियम जिसे राजभवन ने वापस कर दिया है, उसे फिर राजभवन भेजने ताकि वह कानून की शक्ल ले सके की मांग शामिल थी. उसे पारित करते हुए उपरोक्त बिंदुओं पर संयुक्त आंदोलन की घोषणा की गयी.

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