रांची. झारखंड में हो रहे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में किशोरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर अब बड़े जुर्म में भी संलिप्त पाये जा रहे हैं. 12 अक्तूबर 2025 को रातू थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ नौ आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. इनमें नाबालिग की बड़ी बहन के होने वाले दूल्हे का चचेरा भाई और उसका दोस्त भी शामिल था. पुलिस ने सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से तीन की उम्र 18 वर्ष से कम है. फरार बताये जा रहे अन्य चार आरोपी भी नाबालिग बताये जा रहे हैं. हालांकि, उनकी गिरफ्तारी और उम्र के सत्यापन के बाद ही सही तथ्य सामने आयेंगे. इससे पहले फरवरी 2025 के अंतिम सप्ताह में खूंटी के रनिया थाना क्षेत्र में एक और दिल दहलाने वाली घटना सामने आयी थी. शादी समारोह से लौट रही पांच नाबालिगों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इस मामले में 16 से 18 वर्ष के बीच के 18 किशोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस तरह के संगीन वारदातों में लगातार किशोरों की संलिप्तता सामने आ रही है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में झारखंड में किशोरों द्वारा 51, वर्ष 2022 में 123 और वर्ष 2023 में 190 आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया. यह स्थिति चिंताजनक है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रांची के मनोचिकित्सक डॉ सिद्धार्थ बताते हैं कि अपराध में किशोरों के शामिल होने के पीछे कई कारण हैं. खासकर आर्थिक तंगी, अशिक्षा और नशे की लत. आज के युवा फ्लैसी लाइफ जीने की चाह में एंटी सोशल गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं. अशिक्षा भी एक बड़ा कारण है. वहीं, नशे की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी किशोर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते. इसके अलावा सामाजिक और पारिवारिक असंतुलन भी किशोरों को अपराध की ओर धकेलता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

