रांची. झारखंड का मनरेगा के मेटेरियल मद में 747 करोड़ रुपये बकाया है. राज्य सरकार ने केंद्र से बकाया देने का आग्रह किया है. राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कई बार केंद्र सरकार से मनरेगा मेटेरियल मद की राशि देने का आग्रह किया है. कई बार पत्र भी लिखा है. भारत सरकार के मंत्री शिवराज सिंह चौहान से निजी रूप से भी आग्रह किया है. श्री चौहान ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार से मांगी थी, जो भेज दी गयी है. लेकिन इसके बाद भी राशि नहीं मिली है. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पत्र लिखकर भारत सरकार से मनरेगा के मेटेरियल मद की राशि देने का आग्रह किया है.
एक साल से नहीं मिली राशि
मनरेगा के मेटेरियल मद की राशि राज्य सरकार को एक साल से नहीं मिली है. अंतिम बार 15 मई 2024 को केंद्र सरकार ने करीब 280 करोड़ रुपये दिये थे. यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जारी की गयी थी. राज्य सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 के मेटेरियल मद का पैसा भी बकाया है. इस मद में कुल 19669 करोड़ रुपये बकाया होने का अनुमान है. इसमें 25 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होता है. मेटेरियल मद में करीब 75 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती है. छह फीसदी राशि प्रशासनिक मद में दी जाती है.
केंद्र ने केवल एक स्टॉलमेंट दिया
पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र ने झारखंड को मनरेगा मेटेरियल मद में मात्र एक स्टॉलमेंट ही दिया था. इस कारण राज्य में मनरेगा का काम प्रभावित हो रहा है. वेंडर सामग्री आपूर्ति करने से कतरा रहे हैं. कई जिलों में तो वेंडरों ने सामग्री आपूर्ति करने से मना कर दिया है. इससे बिरसा हरियाली योजना और पशु शेड आदि योजनाओं पर असर पड़ा है.
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