रांची : जमशेदपुर जिला बल में तैनात रहे पुलिसकर्मी भरत सिंह को ट्रांसफर किये जाने के बावजूद विरमित नहीं करने पर प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने जमशेदपुर एसएसपी को पत्र लिखा है. डीजीपी ने लिखा है कि वर्ष 2015 और पुनः 2017 में स्थानांतरण के बाद भी पुलिसकर्मी को विरमित नहीं करना अत्यंत ही निंदनीय है. यह गलत कार्यसंस्कृति संभवत: भ्रष्टाचार का प्रतीक है.
ऐसा प्रतीत होता है कि अनुचित लाभ उठाने के लिए मिलीभगत से यह कार्रवाई की गयी है. यह बिल्कुल भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. इसलिए दोषी पदाधिकारी और कर्मी की जिम्मेवारी निर्धारित करते हुए रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाये. डीजीपी ने एसएसपी को यह भी बताया है कि आरक्षी भरत का स्थानांतरण पुलिस मुख्यालय द्वारा 12 जून 2015 को जमशेदपुर जिला बल से गिरिडीह में किया गया था.
लेकिन उसे स्थानांतरित जिला में योगदान करने के लिए विरमित नहीं किया गया. पुनः पुलिस मुख्यालय द्वारा दो सितंबर 2017 को भरत सिंह का स्थानांतरण लातेहार जिला बल के लिए किया गया. लेकिन, इस बार भी उसे विरमित नहीं किया गया.
पुलिस मुख्यालय द्वारा करीब दो माह पूर्व एक आदेश पारित किया गया था कि पूर्व में जितने भी पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों का स्थानांतरण हुआ है, लेकिन विरमित नहीं किया गया है, उन्हें स्थानांतरित जिला के लिए विरमित कर पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाये. जबकि, ऐसा नहीं किया गया.
जब पुनः पुलिस मुख्यालय द्वारा आदेश दिया गया कि 24 घंटे के अंदर उक्त आरक्षी को विरमित करने से संबंधित आदेश दिया जाये, तब जाकर 15 सितंबर 2020 को भरत सिंह को लातेहार जिला बल के लिए विरमित किया गया. एसएसपी को भेजे गये पत्र की प्रतिलिपि प्रभारी डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी, विशेष शाखा, सीआइडी, एटीएस के अलावा अन्य अधिकारियों को भी भेजी है.
posted by : sameer oraon