रांची : झारखंड विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सीपी सिंह ने विधवा पेंशन और विकलांग की अलग अलग राशि देने पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि विधवा और विकलांग महिलाओं को सरकार प्रति माह केवल 1 हजार रुपये की राशि ही देती है. जबकि 18 से 50 साल की महिलाओं को 2500 रुपये की राशि दी जाती है. उन्होंने सवाल पूछा कि उन्हें क्यों नहीं 2500 रुपये दिया जाता है. उनका क्या दोष है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वे सभी को एक समान 2500 रुपये दें. उनके इस सवाल पर मंत्री चमरा लिंडा ने केंद्र से ही सहयोग मांग लिया.
मंत्री चमरा लिंडा ने क्या दिया जवाब
विधायक सीपी सिंह के विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन वाले मामले में मंत्री चमरा लिंडा ने जवाब दिया है. उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने विधवा की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उनके पुनर्विवाह पर 2 लाख रुपये का प्रावधान किया है. यह हमारी सरकार का बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि हमें उन्हें 2500 की जगह 5 हजार भी देने के लिए तैयार हैं. लेकिन अगर केंद्र सरकार हमें इस राशि के लिए 3000 रुपये का अनुदान दें तो हम इसकी राशि बढ़ाकर 5 हजार कर देंगे.
विधायक सीपी सिंह बोले- मंईयां सम्मान योजना लागू करते समय केंद्र सरकार से पूछा था क्या?
मंत्री चमरा लिंडा के जवाब में विधायक सीपी सिंह ने पूछा कि क्या आपने मंईयां सम्मान योजना लागू करते समय केंद्र से पूछा था ? उन्होंने सवाल पूछा कि क्या इस योजना के तहत मिलने वाली राशि बढ़ाते समय पूछा था ? तब अब यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है. विधवा और विकलांग पेंशन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी कई बार सरकार को अपने एक्स हैंडल पर घेर चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार विधवा पेंशन रोककर मंईयां सम्मान योजना की राशि दे रही है.
प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी यहां पढ़ें : इंडो–पैसिफिक रीजन का विवाद क्या है? भारत के महत्व को दरकिनार कर चीन क्यों दिखाना चाहता है दादागिरी