प्रतिनिधि, रातू.
जतरा मेला आदिवासी समाज की धरोहर है. ये हमें विरासत से मिली है. हम आदिवासी मूलवासी का कर्तव्य है की हम इसे संरक्षित कर आगे ले जायें. उक्त बातें प्रदेश कांग्रेस के महासचिव सह जेएससीए अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव ने प्रखंड के बाजपुर में आयोजित जिउतिया जतरा में बतौर मुख्य अतिथि कही. उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति की रक्षा समाज के युवाओं की जिम्मेवारी है. सामाजिक अगुआ अमर उरांव ने लोगों से संगठित होने का आह्वान किया. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष नारायण उरांव, मुखिया सविता तिर्की, दिनेश उरांव, रेणू तिर्की, चारे भगत, मुखिया सबिता तिर्की, उप मुखिया चंपा देवी व सुकरा उरांव ने भी अपनी बातें रखी. जतरा में दर्जनों खोड़हा टीमें पारंपरिक वेश-भूषा में गीत-नृत्य प्रस्तुत कर कला की छटा बिखेरी. अतिथियों ने खोड़हाधारियों को पुरस्कृत कर जतरा की बधाई दी. आयोजन समिति की ओर से खोड़हा प्रमुख को भी सम्मानित किया गया. इससे पूर्व पाहन एतवा उरांव ने जतरा खूंटा की पूजा-अर्चना की. संचालन प्रखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुशल उरांव ने किया. जतरा के सफल संचालन में बजरंग मुंडा, कुलदीप उरांव, अनुज तिर्की, सुनिल उरांव, तुरी उरांव, एतवा उरांव, सोनू गोप, अविनाश उरांव, जीतू उरांव, दिलीप उरांव, पप्पू उरांव, संदीप उरांव, रूपेश महली, अनिल उरांव, विजय उरांव, बिरसा मुंडा, सजीब राय, सुलतान राय, शशिकांत पाठक, अशोक महतो, धोचा पाहन, चरका उरांव, चमरा उरांव, लखन उरांव, गंगू उरांव, चारो, सचिदानंद मिश्र, रामू मिश्र, कामेश्वर पाठक, महेश्वर पाठक, सुभान राय, व दु:खु उरांव आदि ने सहयोग किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

